NEET पर हंगामा, विपक्ष ने चर्चा की मांग की और सदन को स्थगित करना पड़ा | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया



जुझारू विरोध NEET को लेकर सदन में गतिरोध
नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में आज संसद देखा तूफानी दृश्य शुक्रवार को विपक्ष ने चुनाव आयोग के कामकाज में कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की थी। NEET-यूजी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह 15 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
राज्य सभा में दोहराया गया मामला बार के स्थगन विपक्षी दलों ने तत्काल चर्चा की मांग की, जबकि सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
लोकसभा में विपक्षी दलों ने एनईईटी और अन्य परीक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा होने तक सदन की कार्यवाही चलने देने से इनकार कर दिया। शोक संदेश समाप्त होने के तुरंत बाद बिड़ला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी, क्योंकि विपक्ष ने एनईईटी और अन्य परीक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा नहीं की। राहुल गांधीसदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक तथा बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
बिड़ला और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान इस मामले पर चर्चा कर सकते हैं। बिड़ला ने पूछा, “सड़क पर विरोध और सदन के अंदर विरोध में अंतर है। आप (विपक्ष) नहीं चाहते कि सदन चले? आप धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान NEET पर चर्चा नहीं करना चाहते?”
रिजिजू ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस से पहले किसी मुद्दे पर चर्चा हुई हो।
राहुल ने आरोप लगाया कि जब वह बोलने की कोशिश कर रहे थे तो उनका माइक बंद कर दिया गया, जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि उनके पास किसी भी सदस्य का माइक बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है।
राहुल ने बाद में एक वीडियो बयान में कहा, “भारत ब्लॉक NEET परीक्षा और पेपर लीक मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक बहस करना चाहता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें आज संसद में ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई।”
उन्होंने कहा, “हम विपक्ष और सरकार की ओर से छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हैं।”
राज्यसभा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए और बार-बार स्थगित होने के बावजूद अपना विरोध जारी रखा। नाराज सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मेरे लिए यह बहुत दुखद था, मेरे लिए यह अविश्वसनीय था कि पांच दशकों से अधिक के संसदीय अनुभव वाले नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन के वेल में चले आए। मैंने जो देखा है, वह यह है कि इस संस्था को कलंकित, कलंकित और अपमानित किया गया है।”
सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस से पूछा कि उसने पहले गुरुवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए सहमति क्यों दी और फिर एनईईटी पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन का नोटिस क्यों पेश किया।
सदन के बाहर खड़गे ने कहा कि उनका इरादा आसन के पास जाने का नहीं था, लेकिन आसन उन्हें देख और सुन नहीं पा रहा था, इसलिए उन्होंने ऐसा किया।
दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की, लेकिन उन्हें बार-बार टोका गया। विपक्षी दलों के वॉकआउट के बीच भाजपा सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।





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