2024 के चुनावों में बीएसपी के शून्य स्कोर पर मायावती ने मुसलमानों के बारे में क्या कहा?
मायावती ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय बसपा को समझ नहीं पा रहा है।
लखनऊ:
लोकसभा चुनाव में शून्य पर आउट होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि पार्टी द्वारा चुनावों में उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने के बावजूद मुस्लिम समुदाय बसपा को समझ नहीं पा रहा है।
उन्होंने कहा कि आगे चलकर पार्टी काफी सोच-विचार के बाद ही समुदाय को चुनावी मौका देगी।
2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी अपना खाता खोलने में असफल रही थी। हालांकि, 2019 के चुनाव में उसे 10 सीटें मिलीं, जो उसने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था।
मायावती ने एक बयान में कहा कि उनकी पार्टी इस हार का गहन विश्लेषण करेगी और पार्टी के हित में जो भी आवश्यक होगा, वह कदम उठाएगी।
उन्होंने पार्टी को समर्थन देने के लिए दलित समुदाय, विशेषकर जाटवों के प्रति आभार व्यक्त किया, लेकिन मुसलमानों के प्रति अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “बहुजन समाज पार्टी का महत्वपूर्ण अंग मुस्लिम समुदाय, विगत चुनावों तथा इस बार के लोकसभा आम चुनाव में भी उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने के बावजूद, बसपा को ठीक से समझ नहीं पा रहा है।”
मायावती ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में पार्टी काफी सोच-विचार के बाद ही उन्हें चुनाव में मौका देगी ताकि पार्टी को इस बार की तरह भविष्य में भारी नुकसान न उठाना पड़े।’’
नवीनतम आम चुनाव में बसपा ने सबसे अधिक 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।
उन्होंने कहा कि चूंकि नतीजे आ चुके हैं, इसलिए देश के भावी नेताओं को देश के लोकतंत्र, उसके हितों और संविधान के बारे में सोचना होगा।
मायावती ने अत्यधिक गर्मी में चुनाव कराए जाने पर भी आपत्ति जताई तथा कहा कि चुनाव प्रक्रिया काफी लंबी है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ चुनाव ड्यूटी पर तैनात लाखों सरकारी कर्मचारियों को भी थकान हो सकती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकतम तीन या चार चरणों में होने चाहिए।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)