हेमंत सोरेन ने झारखंड के सीएम के रूप में शपथ ली, चंपई सोरेन के इस्तीफे के एक दिन बाद – News18


हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।(छवि/एएनआई)

शपथ ग्रहण समारोह राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के कुछ घंटों बाद हुआ।

हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची स्थित राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के कुछ घंटों बाद ही शपथ ग्रहण समारोह हुआ।

झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा, “मौजूदा महागठबंधन सरकार ने 2019 से लेकर अब तक जनता की भावनाओं के अनुरूप सभी कार्ययोजनाएं बनाई हैं। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच चंपई सोरेन ने इसे आगे बढ़ाया, क्योंकि मैं जेल में था। आज कोर्ट के आदेश के कारण ही मैं बाहर आ पाया हूं। अब फिर से अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए आगे का काम किया जाएगा।”

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और राजद नेता सत्यानंद भोक्ता के साथ चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद राजभवन का दौरा किया।

हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसे 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग कर बनाया गया था।

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया और धन शोधन मामले में जमानत पर बाहर हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। इससे कुछ ही घंटे पहले राज्य में झामुमो नीत गठबंधन के नेताओं ने उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया।

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले चंपई सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष की मौजूदगी में अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही अटकलों से भरे दिनभर के नाटक का समापन हो गया।

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को करीब पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया था, जब उच्च न्यायालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। 31 जनवरी को ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस बीच, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ एसएलपी के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा, जिसमें धन शोधन के एक मामले में हेमंत सोरेन को जमानत दी गई थी।

सूत्रों ने बताया कि ईडी न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश को चुनौती दे सकती है, जिसमें कहा गया है कि अदालत का यह मानना ​​कि याचिकाकर्ता (सोरेन) “दोषी नहीं” है, गलत है और आरोपी पीएमएलए की धारा 45 के तहत आवश्यक दोहरी शर्तों को पूरा नहीं करता है।





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