“हर देशभक्त भारतीय की मांग है…”: डोडा आतंकी हमले पर राहुल गांधी


डोडा आतंकी हमले पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सोमवार को शहीद हुए चार जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है। डोडाउन्होंने मंगलवार सुबह हिंदी में पोस्ट किया, “आज जम्मू-कश्मीर में एक और आतंकवादी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। मैं शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

श्री गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिकों पर हुए ऐसे हमलों की संख्या “बेहद दुखद और चिंताजनक” है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर की खराब स्थिति के लिए भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वहां के सैनिक भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं। 'गलत नीतियों' के संदर्भ को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने को लेकर मोदी सरकार पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है।

श्री गांधी ने कहा, “यह प्रत्येक देशभक्त भारतीय की मांग है कि सरकार को बार-बार होने वाली सुरक्षा चूकों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।” उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” का आह्वान किया।

हालांकि, श्री गांधी ने इस समय राजनीतिक एकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया तथा बढ़ते आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए विपक्ष द्वारा सरकार को समर्थन दिए जाने के महत्व पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।’’

डोडा जिले में एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए। आतंकवादियों ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान पर हमला किया था, जिसे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बनाया गया था।

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सेना ने बताया कि सोमवार देर रात संपर्क स्थापित किया गया।

एनडीटीवी को बताया गया है कि ऑपरेशन अभी जारी है।

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की और डोडा में जमीनी हालात और चल रहे ऑपरेशन का जायजा लिया।

पिछले हफ़्ते कठुआ में कार्रवाई में पांच सैनिकों के मारे जाने के बाद जम्मू क्षेत्र में यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ थी। उस हमले में पांच सैनिक घायल भी हुए थे। यह हमला दो ट्रकों पर एक समन्वित हमला था – ग्रेनेड और कवच-भेदी गोलियों और एक अमेरिकी निर्मित असॉल्ट राइफल से।

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पुंछ और राजौरी से शुरू हुए हमले अब जम्मू तक फैल गए हैं, जो कुछ साल पहले तक आतंकवाद से मुक्त क्षेत्र था। पिछले 32 महीनों में 48 जवान शहीद हो चुके हैं।

इस महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है और शेष नेटवर्क को नष्ट करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई एक तरह से अंतिम चरण में है। हम वहां शेष आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

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