'हमें भोले बाबा जी नहीं मिले…': हाथरस भगदड़ पर डिप्टी एसपी | आगरा समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार ने पुष्टि की कि बाबा जी परिसर में नहीं मिले।
पीड़ितों की जांच और पहचान की प्रक्रिया जारी है, 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं तथा तीन घायलों का उपचार किया जा रहा है, जिनमें से एक की हालत गंभीर है।
“हमें परिसर में बाबा जी नहीं मिले… वे यहां नहीं हैं…” डिप्टी एसपी सुनील कुमार.
अलीगढ़ डीएम विशाक जी अय्यर ने अद्यतन आंकड़े जारी किए, जिनमें शवों के स्थानांतरण और घायलों की चिकित्सा स्थिति का उल्लेख किया गया।
“कुल 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं…हाथरस की घटना के तीन घायलों का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उनमें से दो की हालत स्थिर है जबकि एक की हालत गंभीर है। हमने अस्पताल प्रशासन से बात की है और (गंभीर) मरीज को आईसीयू में ले जाने की प्रक्रिया चल रही है…”
हाथरस मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह ने मृतकों की पहचान के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में बताया। “अब तक कुल 116 लोगों की मौत हो चुकी है…32 शव यहां लाए गए हैं और उनमें से 19 की पहचान हो चुकी है। हम बाकी लोगों की पहचान कर रहे हैं…”
कांग्रेस सांसद केएल शर्मा ने सरकार से सार्वजनिक कार्यक्रमों में बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया तथा स्थिति की गंभीरता तथा पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
“मैं राज्य सरकार से अपील करना चाहता हूं कि अगर ऐसे आयोजन होते हैं तो उन्हें तैयारी का भी ध्यान रखना चाहिए और लोगों की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। मुझे पता चला है कि कई महिलाओं की जान चली गई है। परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुआवजे की राशि अधिक होनी चाहिए थी…”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने जारी राहत प्रयासों और स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डाला। “यहां 32 शव और नौ घायल लोग हैं, जिनमें एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल है। उनमें से बहुतों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है… अभी, हर कोई पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है…”
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी संवेदना व्यक्त की और घटना की समीक्षा करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का संकेत दिया। “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इसकी समीक्षा कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने सारे लोगों की जान चली गई…”
भगदड़ की प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने सत्संग के बाद की अफरा-तफरी का प्रत्यक्ष विवरण दिया। “वहां भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग खत्म होते ही कई लोग वहां से निकलने लगे। सड़क उबड़-खाबड़ होने के कारण भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े…”
गिरफ़्तारियाँ, तलाशी अभियान और चिकित्सा अपडेट इस विनाशकारी घटना के लिए गहन चल रही जाँच और प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं। अधिकारी प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने और पीड़ितों की पहचान करने तथा आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए संसाधनों को निर्देशित करते हुए व्यवस्था और राहत लाने का प्रयास कर रहे हैं।