स्वाति मालीवाल हमला मामला: दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक आरोपी के खिलाफ 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। बिभव कुमारआप सुप्रीमो के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवालसाथ संबंध में स्वाति मालीवाल पर हमला मामला तीस हजारी कोर्ट में चल रहा है।
आरोप पत्र मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल को सौंपा गया, जिन्होंने बिभव की न्यायिक हिरासत भी 30 जुलाई तक बढ़ा दी। बिभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए।
स्वाति मालीवाल का दावा है कि 13 मई को जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गयीं तो बिभव ने उनके साथ मारपीट की।
मालीवाल की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत अंतिम रिपोर्ट दर्ज की गई, जिनमें धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना), 308 (सदोषपूर्ण हत्या करने का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी भी शब्द, हाव-भाव या वस्तु का उपयोग करके महिला की शील भंग करना) शामिल हैं।
कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपपत्र लगभग 500 पृष्ठों का है, जिसमें लगभग 50 गवाहों के बयान शामिल हैं।
अधिकारियों ने केजरीवाल के घर से डीवीआर हासिल कर लिया है और बिभव के दो मोबाइल फोन समेत कई डिवाइस जब्त कर ली हैं। पुलिस हिरासत के दौरान बिभव को दो बार मुंबई ले जाया गया ताकि उसके मोबाइल डिवाइस से कथित रूप से मिटाए गए डेटा को वापस लाया जा सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनका “काफी प्रभाव” है और रिहा होने पर वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 30 जुलाई को बिभव की अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करे।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)
आरोप पत्र मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल को सौंपा गया, जिन्होंने बिभव की न्यायिक हिरासत भी 30 जुलाई तक बढ़ा दी। बिभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए।
स्वाति मालीवाल का दावा है कि 13 मई को जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गयीं तो बिभव ने उनके साथ मारपीट की।
मालीवाल की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत अंतिम रिपोर्ट दर्ज की गई, जिनमें धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना), 308 (सदोषपूर्ण हत्या करने का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी भी शब्द, हाव-भाव या वस्तु का उपयोग करके महिला की शील भंग करना) शामिल हैं।
कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपपत्र लगभग 500 पृष्ठों का है, जिसमें लगभग 50 गवाहों के बयान शामिल हैं।
अधिकारियों ने केजरीवाल के घर से डीवीआर हासिल कर लिया है और बिभव के दो मोबाइल फोन समेत कई डिवाइस जब्त कर ली हैं। पुलिस हिरासत के दौरान बिभव को दो बार मुंबई ले जाया गया ताकि उसके मोबाइल डिवाइस से कथित रूप से मिटाए गए डेटा को वापस लाया जा सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनका “काफी प्रभाव” है और रिहा होने पर वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 30 जुलाई को बिभव की अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करे।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)