“स्वतंत्र प्रेस आवश्यक”: चैनल प्रतिबंध मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 उद्धरण


बेंच की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने की थी

नयी दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने आज मलयालम समाचार चैनल ‘मीडियावन’ पर केंद्र के प्रतिबंध को हटा दिया और टीवी चैनल को सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने के लिए सरकार की खिंचाई की। केंद्र ने तर्क दिया था कि उसने खुफिया सूचनाओं के आधार पर मंजूरी से इनकार किया था

इस बड़े क्रम से शीर्ष 5 अवलोकन यहां दिए गए हैं

  1. भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. कहा।

  2. अदालत ने कहा, “लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं उठाया जा सकता… गृह मंत्रालय ने इस मामले में गुस्ताखीपूर्ण तरीके से उठाया था।”

  3. अदालत ने कहा, “सरकार को यह रुख रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि प्रेस को सरकार का समर्थन करना चाहिए,” सरकार की आलोचना एक टीवी चैनल के लाइसेंस को रद्द करने का आधार नहीं हो सकती है।

  4. अदालत ने कहा, “लोकतांत्रिक गणराज्य के मजबूत कामकाज के लिए एक स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है। लोकतांत्रिक समाज में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्य के कामकाज पर प्रकाश डालती है।”

  5. अदालत ने कहा, “सभी जांच रिपोर्टों को गुप्त नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता को प्रभावित करती हैं।”

एक टिप्पणी करना



Source link