स्क्विड गेम अभिनेता अनुपम त्रिपाठी ने सॉन्ग जोंग-की और किम सोन-हो की प्रशंसा की: 'आपको ऐसा महसूस नहीं होता कि आप साथ हैं…'
अनुपम त्रिपाठीनेटफ्लिक्स की 2021 की ड्रामा सीरीज़ स्क्विड गेम में अली अब्दुल की भूमिका से प्रमुखता पाने वाले, ने सॉन्ग जोंग-की के बारे में बात की है। न्यूज18 के साथ एक साक्षात्कार मेंअनुपम ने कहा कि कोरियाई भाषा में उनकी धाराप्रवाहता ने जोंग-की को आश्चर्यचकित कर दिया। अनुपम ने अभिनेता की प्रशंसा भी की। उन्होंने डेसेंटेंट्स ऑफ द सन, अर्थडल क्रॉनिकल्स और स्पेस स्वीपर्स में साथ काम किया। (यह भी पढ़ें | स्क्विड गेम के अनुपम त्रिपाठी ने SAG अवार्ड्स में एंड्रयू गारफील्ड, सेलेना गोमेज़ और विल स्मिथ के साथ क्लिक किया। तस्वीरें देखें)
अनुपम ने जोंग-की की प्रशंसा की
अर्थडल क्रॉनिकल्स में जोंग-की के साथ काम करने के बारे में अनुपम ने कहा, “सेट पर, वह हमेशा मेरी कोरियाई भाषा से हैरान रह जाते थे। वह हमेशा कहते थे, 'तुम बहुत अच्छी कोरियाई बोलते हो'।” उनकी तारीफ करते हुए अनुपम ने कहा, “उनके साथ सेट पर आपको ऐसा नहीं लगता कि आप किसी सुपरस्टार के साथ हैं। वह बहुत विनम्र और बहुत दयालु हैं।” अनुपम ने किम सोन-हो की भी तारीफ की और उन्हें “बहुत खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति” बताया।
अनुपम के करियर के बारे में
अनुपम किंग द लैंड, स्ट्रेंजर्स फ्रॉम हेल, टैक्सी ड्राइवर, हॉस्पिटल प्लेलिस्ट, रेन ऑर शाइन जैसे शो का भी हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने स्पेस स्वीपर्स, द हार्टबीट ऑपरेटर, मिस एंड मिसेज कॉप्स और असुरा: द सिटी ऑफ मैडनेस जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। प्रशंसक उन्हें अगली बार IC 814: द कंधार हाईजैक सीरीज में देखेंगे। इसमें विजय वर्मा भी हैं। IC 814: द कंधार हाईजैक 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी।
अनुपम की आगामी परियोजना है आईसी-814
निर्माताओं के अनुसार, “छह एपिसोड की यह श्रृंखला आपको 30,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे यात्रियों और चालक दल के सामने आने वाली चिंताजनक वास्तविकता से रूबरू कराती है। हर पल तनाव से भरे इस धारावाहिक में भारत में समय के खिलाफ दौड़ती एक अथक टीम को दिखाया गया है, जो अपहरणकर्ताओं की भयावह मांगों को समझती है और विमान में सवार सभी लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए बाधाओं से लड़ती है।”
24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद ही पांच आतंकवादियों ने आईसी-814 को हाईजैक कर लिया था। करीब 180 यात्रियों को लेकर यह विमान सात दिनों तक बंधक बना रहा और काठमांडू से अमृतसर और फिर लाहौर के लिए उड़ान भरी। लाहौर में इसमें ईंधन भरा गया और दुबई के लिए रवाना हुआ। दुबई से यह तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार पहुंचा, जहां 31 दिसंबर 2000 को सभी यात्रियों को रिहा कर दिया गया।