सूरत में इमारत ढहने से 7 लोगों की मौत, रातभर में मलबे से शव निकाले गए


बचावकर्मियों ने घटनास्थल पर मलबे के पहाड़ बन चुके बड़े-बड़े कंक्रीट स्लैब को हटाने के लिए रातभर काम किया।

सूरत में छह मंजिला इमारत ढहने के एक दिन बाद मलबे से सात शव निकाले गए, अधिकारियों ने रविवार को बताया। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के बीच सचिन पाली गांव में आवासीय इमारत ढह गई, जिसमें 30 अपार्टमेंट थे और पांच में लोग रहते थे।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी बसंत पारीक ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “पूरी रात तलाशी अभियान जारी रहा। सात शव बरामद किए गए हैं।” उन्होंने बताया कि सातवां शव सुबह छह बजे निकाला गया।

हालांकि खोज अभियान अभी भी जारी है, लेकिन बचावकर्मियों का मानना ​​है कि मलबे में अब कोई और निवासी फंसा नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को एक महिला को मलबे से बचा लिया गया, जबकि दोपहर करीब 2.45 बजे इमारत के ढह जाने से 15 अन्य घायल हो गए।

बचावकर्मियों ने रात भर काम करके मलबे के पहाड़ बन चुके बड़े-बड़े कंक्रीट स्लैब को हटाया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कार्यकर्ताओं ने फंसे हुए निवासियों तक पहुंचने के लिए कंक्रीट को काटा।

2017 में बनी इस इमारत के ढहने के समय इसमें पाँच परिवार रह रहे थे। पुलिस के अनुसार, जब इमारत ढही, तब कई निवासी काम पर थे, लेकिन कई अन्य, जो रात की शिफ्ट में काम करते थे, अंदर सो रहे थे।

स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार को अचानक इमारत ढहने के बाद अफरा-तफरी मच गई और वे मलबे के नीचे से किसी को भी बचाने के लिए दौड़ पड़े। अधिकारियों ने बताया कि इमारत सिर्फ़ आठ साल पुरानी थी, लेकिन ज़्यादातर फ्लैट खाली और जीर्ण-शीर्ण थे।

सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम गहलोत ने बताया, “करीब पांच फ्लैटों में लोग रहते थे, जिनमें से अधिकतर इस इलाके में स्थित कारखानों में काम करने वाले लोग थे। जब बचाव कार्य शुरू हुआ, तो हमने फंसे हुए लोगों की चीखें सुनीं। हमने मलबे से एक महिला को बचाया और उसे अस्पताल भेजा।”

इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि मलबे में करीब 6-7 लोगों के फंसे होने की आशंका है और उन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। उन्होंने कहा, “हम मलबे के अंदर से उनकी आवाजें सुन सकते हैं। उन्हें जल्द ही बचा लिया जाएगा।”



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