सरकार ने 234 शहरों में 730 एफएम रेडियो चैनलों की ई-नीलामी को मंजूरी दी – टाइम्स ऑफ इंडिया
कैबिनेट के फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने एफएम चैनल के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क (एएलएफ) को सकल राजस्व के 4% के रूप में जीएसटी को छोड़कर वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह 234 नए शहरों और कस्बों के लिए लागू होगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नए शहरों और कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने से इन क्षेत्रों में एफएम रेडियो की अधूरी मांग पूरी होगी, जो अभी भी निजी एफएम रेडियो प्रसारण से अछूते हैं और मातृभाषा में नई और स्थानीय सामग्री लाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “234 शहरों और कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने के कैबिनेट के फैसले से विविध और स्थानीय विषय-वस्तु तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय भाषाओं तथा संस्कृतियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।”
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में निजी एफएम रेडियो की स्थापना से इन क्षेत्रों में सरकार की पहुंच और मजबूत होगी।
सरकार ने कहा कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, स्थानीय बोली और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा तथा 'वोकल फॉर लोकल' पहल को बढ़ावा मिलेगा।
स्वीकृत शहरों और कस्बों में पोर्ट ब्लेयर, जगदलपुर, कोरबा, इंफाल, दीमापुर, डिब्रूगढ़, आरा, बेगुसराय, अमरेली, भुज, रोहतक, अनंतनाग, धनबाद, बेलगाम, पलक्कड़, मंदसौर, लातूर, गोइंदिया, पुरी, संबलपुर, लुधियाना, बठिंडा शामिल हैं। , अलवर, कुन्नूर, तंजावुर, नलगोंडा, निज़ामाबाद, एटा, हरिद्वार और दार्जिलिंग।
वर्तमान में 36 निजी एफएम प्रसारणकर्ता 113 शहरों में 388 एफएम रेडियो स्टेशनों का संचालन कर रहे हैं।