सरकार क्वांटम प्रौद्योगिकी के लिए टीसीएस, एचसीएल और अन्य आईटी दिग्गजों के साथ काम करने की योजना बना रही है – टाइम्स ऑफ इंडिया



सरकार कथित तौर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी आईटी दिग्गजों के साथ काम करने पर विचार कर रही है।टीसीएस), एचसीएल और टेक महिंद्रा क्वांटम प्रौद्योगिकियों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करना, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मंजूरी दी गई थी क्वांटम प्रौद्योगिकी देश में।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस प्रयास में टीसीएस, एचसीएल, टेक महिंद्रा आदि जैसी अपनी सॉफ्टवेयर कंपनियों को शामिल करने जा रहे हैं।हम चाहते हैं कि वे क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर शोध करें क्योंकि क्वांटम के लिए भारी मात्रा में एल्गोरिदम की आवश्यकता होती है,” मनीकंट्रोल ने एचसीएल के सह-संस्थापक और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष अजय चौधरी के हवाले से बताया।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन क्या है?

पिछले साल अप्रैल में कैबिनेट ने शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए 2023-24 से 2030-31 की अवधि के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के कुल परिव्यय के साथ इस योजना को मंजूरी दी थी। यह भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी में एक अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए उभरते क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय स्टार्टअप और वैज्ञानिकों का भी समर्थन करेगा।
मिशन के तहत क्वांटम हार्डवेयर, एन्क्रिप्शन, सेंसर और मटीरियल पर केंद्रित चार शोध केंद्र स्थापित करने की योजना है। अगस्त 2024 तक चालू होने की उम्मीद वाले ये केंद्र TIFR और IISc जैसे प्रमुख शोध संस्थानों में स्थित होंगे।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह ने उस समय कहा था, “हमारा पारंपरिक कंप्यूटर ट्रांजिस्टर सिस्टम पर आधारित था, लेकिन क्वांटम कंप्यूटिंग परमाणुओं पर आधारित होगी। इसलिए, यह तेज़, प्रामाणिक है और इसमें बहुत अधिक गति है। कैबिनेट का यह निर्णय भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग देने जा रहा है।”
सिंह ने कहा, “आमतौर पर भारत अलग-अलग क्षेत्रों में तब शामिल होता है जब दूसरे देश पहले ही उन क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके होते हैं। लेकिन पहली बार हम इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, जब पहले छह देश – अमेरिका, चीन, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और फिनलैंड – भी आरएंडडी चरण में हैं।”

क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?

क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग क्वांटम भौतिकी का उपयोग करके उन समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है, जो पारंपरिक कंप्यूटिंग के लिए बहुत जटिल होती हैं।
क्वांटम कंप्यूटर अभी प्रारंभिक अवस्था में हैं, लेकिन चिकित्सा, पदार्थ विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में ये आशाजनक हैं, क्योंकि ये नई दवाओं को डिजाइन करने, हल्के और मजबूत पदार्थ बनाने या अधिक स्मार्ट एआई विकसित करने में हमारी मदद कर सकते हैं।
सिंह ने कहा, “क्वांटम प्रौद्योगिकी हमें संचार, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवा डिजाइन, अंतरिक्ष अनुप्रयोगों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत लाभान्वित करेगी और सरकार के आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा देगी।”





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