समान नागरिक संहिता पर AAP ने केंद्र को दिया समर्थन, लेकिन शर्तें लागू


आम आदमी पार्टी ने आज समान नागरिक संहिता को अपना “सैद्धांतिक समर्थन” दिया। (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली:

आम आदमी पार्टी ने आज समान नागरिक संहिता को अपना ‘सैद्धांतिक समर्थन’ दिया, लेकिन कहा कि भारत सरकार को हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसे आम सहमति से लाना चाहिए।

आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा, “सरकार को राजनीतिक दलों और गैर-राजनीतिक संस्थाओं सहित सभी हितधारकों के साथ प्रस्ताव पर व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए।”

श्री पाठक ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया, “आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करती है। (संविधान का अनुच्छेद 44) भी इसका समर्थन करता है।”

उन्होंने कहा, लेकिन सरकार को समान नागरिक संहिता तभी लानी चाहिए जब हितधारकों के बीच आम सहमति हो।

श्री पाठक ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि ऐसे मुद्दों पर हमें आम सहमति के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि इसे (यूसीसी) सभी हितधारकों के बीच आम सहमति बनने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता पर जोर देते हुए पूछा था कि व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले दोहरे कानूनों के साथ देश कैसे चल सकता है।

(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है।)



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