व्यंग्यात्मक टिप्पणी से जगदीप धनखड़-मल्लिकार्जुन खड़गे में तकरार | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
दलित समुदाय से खड़गे ने कहा कि धनखड़ रमेश को बुद्धिमान और प्रतिभाशाली बताकर और परोक्ष रूप से उन्हें सुस्त बताकर वर्ण व्यवस्था ला रहे हैं। खड़गे उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए।
'इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ…': राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के साथ खड़गे की तीखी बहस
यह तीखी नोकझोंक तब शुरू हुई जब कांग्रेस सदस्य और उप नेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सरकार पर कई मोर्चों पर “विश्वासघात” का आरोप लगा रहे थे। जब धनखड़ ने तिवारी से कहा कि वे अपुष्ट दावे न करें, तो रमेश ने बीच में ही कहा कि वे प्रमाणित हो जाएंगे।
अध्यक्ष ने कहा, “वरिष्ठ नेतृत्व (खड़गे) यहां है। मुझे लगता है कि आपको (रमेश) (खड़गे) उनकी जगह लेनी चाहिए… आप इतने बुद्धिमान, इतने प्रतिभाशाली, इतने प्रतिभाशाली हैं, आपको तुरंत आकर खड़गे की जगह सीट ले लेनी चाहिए क्योंकि कुल मिलाकर आप उनका काम कर रहे हैं।”
खड़गे ने तुरंत जवाब दिया: “वर्ण व्यवस्था को बीच में मत लाओ। यह अभी भी आपके दिमाग में है… इसीलिए आप कह रहे हैं कि रमेश बहुत बुद्धिमान है… और मैं मंदबुद्धि हूँ इसलिए मुझे बदल दिया जाना चाहिए।”
खड़गे पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए धनखड़ ने कहा कि उनका ऐसा कोई मतलब नहीं था। धनखड़ ने कहा, “आप हर समय कुर्सी पर दबाव नहीं बना सकते। संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी कुर्सी की इतनी अवहेलना नहीं हुई। मेरे पास बहुत धैर्य है और मैं बहुत कुछ बर्दाश्त कर सकता हूँ।”
उन्होंने कहा कि रमेश हमेशा कोई न कोई टिप्पणी करते रहते हैं, और अध्यक्ष ने कहा, “यह एक समस्या है जिसे आपको सुलझाना होगा।” कांग्रेस नेता की ओर इशारा करते हुए सोनिया गांधी उनके बगल में बैठे खड़गे ने कहा कि यह वह और जनता थी जिसने उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया था, न कि जयराम रमेश या आपने।