विश्व एड्स दिवस 2024: भारत ने एचआईवी कटौती में वैश्विक औसत से बेहतर प्रदर्शन किय
नई दिल्ली: विश्व एड्स दिवस 2024 से पहले, भारत ने एचआईवी/एड्स के खिलाफ अपनी लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश में 25 लाख से अधिक लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, लेकिन 2010 से नए संक्रमणों में 44% की कमी आई है।
भारत की उपलब्धियां
- एचआईवी कटौती दर: 2010 के बाद से, भारत ने एचआईवी मामलों में 44% की कमी हासिल की है, जो वैश्विक कमी दर (39%) से बेहतर है।
- उपचार और देखभाल: जून 2023 तक, 725 एआरटी केंद्रों के माध्यम से 16.06 लाख से अधिक मरीजों को मुफ्त एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी उपलब्ध कराई गई।
- नए एचआईवी संक्रमण: वार्षिक नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या 66,400 तक सीमित रही।
- वायरल लोड परीक्षण: 2022-23 में 12.30 लाख से अधिक वायरल लोड परीक्षण किए गए।
एनएसीपी चरण-V और भारत की रणनीति
1992 में शुरू हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) के तहत भारत ने रोकथाम, उपचार और देखभाल में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- अधिकार आधारित दृष्टिकोण: कमजोर समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा और समावेशिता को प्राथमिकता दी गई है।
- 2030 का लक्ष्य: एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने की दिशा में भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
यूएनएड्स की प्रशंसा
एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) की ग्लोबल एड्स अपडेट 2023 रिपोर्ट ने भारत के मजबूत कानूनी ढांचे और वित्तीय निवेश की सराहना की है।
- कानूनी सुधार: कमजोर आबादी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानूनों को मजबूत किया गया।
- नई पहलें: समावेशिता और न्यायसंगत स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष जोर दिया गया है।
इस वर्ष का विषय:
“अधिकारों का मार्ग अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!”
इसका उद्देश्य है:
- समावेशिता को बढ़ावा देना।
- मानवाधिकारों का संरक्षण।
- स्वास्थ्य सेवाओं की समान और न्यायपूर्ण पहुंच सुनिश्चित करना।
आगे की दिशा:
मंत्रालय ने एचआईवी/एड्स के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सहयोग बढ़ाने और संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करने पर बल दिया है। भारत की प्रगति इस बात का प्रमाण है कि मजबूत नीतियां और समर्पित प्रयास बड़े सामाजिक और स्वास्थ्य मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं।