लोकसभा चुनाव 2024: इतिहास में समृद्ध बहरामपुर सीट ने दिए कई उल्लेखनीय नेता
नई दिल्ली:
बहरामपुर, जिसे पहले बेहरामपुर के नाम से जाना जाता था, भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्लासी की लड़ाई के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1757 में स्थापित, यह भारत में कंपनी के पहले केंद्र के रूप में कार्य करता था। इन वर्षों में, बहरामपुर उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित हुआ, जिसने न केवल ब्रिटिश बल्कि डच और फ्रांसीसी को भी आकर्षित किया।
राजनीतिक परिदृश्य
बहरामपुर लोकसभा क्षेत्र में मुर्शिदाबाद जिले की सात विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से छह सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का दबदबा है और एक पर भाजपा का कब्जा है। इसके बावजूद यह लोकसभा क्षेत्र लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का गढ़ बना हुआ है, जो लगातार पांच बार यहां से सांसद चुने गए हैं।
ऐतिहासिक आंकड़े
इस निर्वाचन क्षेत्र में उल्लेखनीय राजनीतिक हस्तियां देखी गई हैं, जिनमें भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता त्रिदीब चौधरी भी शामिल हैं। चौधरी लगातार सात बार बहरामपुर से सांसद रहे। निर्वाचन क्षेत्र के अन्य प्रमुख सांसदों में नानी भट्टाचार्य, प्रमोथेस मुखर्जी और आतिश चंद्र सिन्हा शामिल हैं।
मतदाता प्रोफ़ाइल
82 प्रतिशत मतदाताओं वाली मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी के साथ, बहरामपुर ग्रामीण पश्चिम बंगाल की सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता को दर्शाता है। जनसांख्यिकीय संरचना में 13.11 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 0.85 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) शामिल हैं। जनसंख्या में 45 प्रतिशत हिंदू, 50 प्रतिशत मुस्लिम और 5 प्रतिशत अन्य धार्मिक समूह हैं।
आगामी चुनाव
क्रिकेटर यूसुफ पठान बहरामपुर से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने मौजूदा अधीर रंजन चौधरी को चुनौती देने के लिए निर्मल कुमार साहा को चुना है।