राहुल गांधी के सिख संबंधी बयान को लेकर सोनिया गांधी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन
भाजपा समर्थित सिख समूह दिल्ली में कांग्रेस की सोनिया गांधी के आवास तक विरोध मार्च निकाल रहा है। यह विरोध राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में देश में समुदाय द्वारा प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता पर की गई टिप्पणी पर किया जा रहा है। उनका तर्क है कि कांग्रेस शासन के मुकाबले भाजपा सरकार के तहत वे अधिक सुरक्षित हैं। वे मांग कर रहे हैं कि श्री गांधी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें।
अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान श्री गांधी ने कहा था कि भारत में लड़ाई राजनीति की नहीं है।
श्रोताओं में से एक सिख सदस्य से उसका नाम पूछते हुए श्री गांधी ने कहा था: “लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या उन्हें, एक सिख के रूप में, भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी; या क्या उन्हें, एक सिख के रूप में, भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी; या क्या उन्हें, एक सिख के रूप में, गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी। लड़ाई इसी बात को लेकर है, और सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है”।
उनकी टिप्पणियों से देश में नाराजगी बढ़ गई है और भाजपा ने उन पर विदेशों में आदतन राष्ट्रविरोधी टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है, जो विपक्ष के नेता के रूप में उनकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए विशेष रूप से गंभीर है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने श्री गांधी की टिप्पणियों को “भयावह” बताया और उन पर विदेशों में “खतरनाक आख्यान” फैलाने का आरोप लगाया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, “यदि हमारे इतिहास में ऐसा कोई समय रहा है, जब एक समुदाय के रूप में हमने चिंता, असुरक्षा की भावना और अस्तित्व के लिए खतरा महसूस किया है, तो वह समय वह रहा है, जब राहुल गांधी का परिवार सत्ता में रहा है।”
हालांकि श्री गांधी की टिप्पणियां कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष साख और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति उसके रुख के अनुरूप हैं, लेकिन प्रवासी सिखों के एक वर्ग द्वारा फैलाए गए भारत विरोधी कथानक के मद्देनजर इसका समय अजीब है।