'राजनेताओं को ज्यादा समय नहीं लगता…': झारखंड के सीएम ने चंपई सोरेन पर चर्चा के बीच बीजेपी पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर पूर्व मुख्यमंत्री के विधायकों को 'खरीदने' का प्रयास करने का आरोप लगाया। चंपई सोरेनके पद छोड़ने के संकेत झारखंड मुक्ति मोर्चा.
आरोप है कि भाजपा सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य में सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के लिए गुजरात, असम और महाराष्ट्र से लोगों को लाया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज की बात तो भूल ही जाइए, ये लोग परिवारों और पार्टियों को तोड़ने का काम करते हैं।’’
उन्होंने कहा, “वे विधायकों को अपने पाले में कर लेते हैं। पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को यहां से वहां जाने में ज्यादा समय नहीं लगता।”
हेमंत सोरेन की यह टिप्पणी चंपई सोरेन के उस बयान के तुरंत बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच उनके लिए “सभी तीन विकल्प” खुले हैं।
सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता ने 2 फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने से लेकर हेमंत सोरेन द्वारा उनकी जगह लिए जाने तक की घटनाओं को याद किया, जिनकी अनुपस्थिति में उन्होंने सरकार का नेतृत्व किया था।
झामुमो में दरार और चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की संभावना से जुड़ी हालिया मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, “इतने अपमान और तिरस्कार के बाद मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने पर मजबूर होना पड़ा। भारी मन से मैंने विधायक दल की बैठक में कहा कि 'आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।' मेरे पास तीन विकल्प थे: पहला, राजनीति से संन्यास ले लूं; दूसरा, अपना अलग संगठन बना लूं; और तीसरा, इस रास्ते पर कोई साथी मिले तो आगे बढ़ जाऊं। उस दिन से लेकर आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।”
इस बीच, हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव के समय पर भी टिप्पणी की और कहा कि हालांकि ये चुनाव इसी साल होने हैं, लेकिन इनका कार्यक्रम “राज्य में विपक्षी पार्टी द्वारा तय किया जाएगा, न कि चुनाव आयोग द्वारा।”
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गया है, क्योंकि इस पर भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें (भाजपा को) चुनौती देता हूं कि अगर आज विधानसभा चुनाव हो जाएं तो कल झारखंड से उनका सफाया हो जाएगा।’’
आरोप है कि भाजपा सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य में सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के लिए गुजरात, असम और महाराष्ट्र से लोगों को लाया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज की बात तो भूल ही जाइए, ये लोग परिवारों और पार्टियों को तोड़ने का काम करते हैं।’’
उन्होंने कहा, “वे विधायकों को अपने पाले में कर लेते हैं। पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को यहां से वहां जाने में ज्यादा समय नहीं लगता।”
हेमंत सोरेन की यह टिप्पणी चंपई सोरेन के उस बयान के तुरंत बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच उनके लिए “सभी तीन विकल्प” खुले हैं।
सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता ने 2 फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने से लेकर हेमंत सोरेन द्वारा उनकी जगह लिए जाने तक की घटनाओं को याद किया, जिनकी अनुपस्थिति में उन्होंने सरकार का नेतृत्व किया था।
झामुमो में दरार और चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की संभावना से जुड़ी हालिया मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, “इतने अपमान और तिरस्कार के बाद मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने पर मजबूर होना पड़ा। भारी मन से मैंने विधायक दल की बैठक में कहा कि 'आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।' मेरे पास तीन विकल्प थे: पहला, राजनीति से संन्यास ले लूं; दूसरा, अपना अलग संगठन बना लूं; और तीसरा, इस रास्ते पर कोई साथी मिले तो आगे बढ़ जाऊं। उस दिन से लेकर आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।”
इस बीच, हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव के समय पर भी टिप्पणी की और कहा कि हालांकि ये चुनाव इसी साल होने हैं, लेकिन इनका कार्यक्रम “राज्य में विपक्षी पार्टी द्वारा तय किया जाएगा, न कि चुनाव आयोग द्वारा।”
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गया है, क्योंकि इस पर भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें (भाजपा को) चुनौती देता हूं कि अगर आज विधानसभा चुनाव हो जाएं तो कल झारखंड से उनका सफाया हो जाएगा।’’