रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करेंगे: राजनाथ सिंह की यात्रा के बाद पेंटागन – टाइम्स ऑफ इंडिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के बीच शुक्रवार को वाशिंगटन में हुई चर्चा में महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत, उभरती भू-राजनीतिक स्थिति और प्रमुख क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई। सिंह ने कहा, ‘‘हमने आपसी हितों के प्रमुख रणनीतिक मामलों पर अपने विचार साझा किए।’’
सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद रक्षा सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। द्विपक्षीय रक्षा सहयोगऔद्योगिक सहयोग और सैन्य अंतर-संचालन पर चीन के साथ वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब वह दक्षिण और पूर्वी चीन सागर के साथ-साथ भारत के साथ लगती भूमि सीमा पर लगातार आक्रामक विस्तारवादी व्यवहार कर रहा है।
एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि सिंह और सुलिवन ने चल रही द्विपक्षीय रक्षा-औद्योगिक सहयोग परियोजनाओं तथा उन संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जहां दोनों देशों के उद्योग मिलकर काम कर सकते हैं।
शीर्ष अमेरिकी रक्षा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि भारत उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण और स्थायी प्रौद्योगिकी तथा औद्योगिक साझेदारी के लिए उनके देश के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
अधिकारी ने कहा, “मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अमेरिकी निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग का स्वागत करता है तथा एक कुशल मानव संसाधन आधार, मजबूत एफडीआई और व्यापार समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र तथा बड़े घरेलू बाजार के साथ तैयार है।”
पेंटागन ने कहा कि सिंह-ऑस्टिन बैठक में कई द्विपक्षीय रक्षा पहलों की प्रगति का जश्न मनाया गया, जिसमें आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा बढ़ाने, हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और अमेरिकी कमानों में भारतीय संपर्क अधिकारियों की तैनाती के माध्यम से परिचालन समन्वय को मजबूत करने के लिए नए समझौते का लाभ उठाने के प्रयास शामिल हैं।
इसमें कहा गया, “उन्होंने रक्षा-औद्योगिक सहयोग के लिए भारत-अमेरिका रोडमैप के तहत प्राथमिकता वाले सह-उत्पादन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने समुद्र के नीचे और अंतरिक्ष क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए भी चर्चा को आगे बढ़ाया।”