यौन उत्पीड़न के आरोपों पर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ वारंट
बेंगलुरु:
बेंगलुरु की एक अदालत ने भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, क्योंकि वे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक मामले में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ने अब उच्च न्यायालय से राहत मांगी है। मामले की सुनवाई कल होगी।
इससे पहले कर्नाटक पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने एक नोटिस जारी कर श्री येदियुरप्पा को बुधवार को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। 81 वर्षीय येदियुरप्पा ने जवाब दिया कि उन्हें राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के लिए दिल्ली जाना है और कहा कि वह सोमवार को जांचकर्ताओं के सामने पेश हो सकते हैं।
श्री येदियुरप्पा पर यौन उत्पीड़न से संबंधित पोक्सो अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि एक महिला ने आरोप लगाया है कि वरिष्ठ भाजपा नेता ने फरवरी में अपने आवास पर एक बैठक के दौरान उसकी 17 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न किया था।
14 मार्च को पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच सीआईडी को सौंप दी गई। 54 वर्षीय शिकायतकर्ता की पिछले महीने फेफड़ों के कैंसर से मौत हो गई थी।
श्री येदियुरप्पा ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वे कानूनी रूप से लड़ेंगे। सीआईडी को लिखे अपने नवीनतम पत्र में उन्होंने कहा है कि वे जांच में सहयोग करेंगे।
इससे पहले आज कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो पूर्व मुख्यमंत्री श्री येदियुरप्पा को गिरफ्तार किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा, “यदि आवश्यक हुआ तो वे (सीआईडी) गिरफ्तारी करेंगे। मैं यह नहीं कह सकता कि यह आवश्यक है या नहीं, सीआईडी को यह कहना होगा। यदि उन्हें लगेगा कि यह आवश्यक है तो वे ऐसा करेंगे।”
अप्रैल में सीआईडी ने जांच के लिए येदियुरप्पा की आवाज का नमूना लिया था। भाजपा के दिग्गज नेता ने एफआईआर के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।