योगी आदित्यनाथ को 'साजिश' की भनक, न्यायिक जांच के आदेश | आगरा समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
योगी ने कहा कि न्यायिक जांच में सेवानिवृत्त प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “ऐसी घटना को महज दुर्घटना नहीं माना जा सकता। अगर यह वाकई दुर्घटना है तो जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए, अगर नहीं तो जांच की जानी चाहिए।” षड़यंत्र उन्होंने कहा, ‘‘इसके पीछे की सच्चाई उजागर होनी चाहिए।’’
किसी का नाम लिए बिना सीएम ने कहा, “कुछ लोग ऐसी दुखद और दर्दनाक घटनाओं का राजनीतिकरण करते हैं।” “इन लोगों का स्वभाव चोरी भी और सीनाजनी भी है। हर कोई जानता है कि उपदेशक की तस्वीरें किसके साथ हैं और उसके राजनीतिक संबंध क्या हैं,” उन्होंने घटना के तुरंत बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ भोले बाबा की तस्वीरों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा। योगी ने कहा, “आपने देखा होगा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कौन सी रैलियां अराजकता और भगदड़ जैसी स्थिति में थीं,” उन्होंने कहा, “इन कारकों के विवरण में जाना आवश्यक है।”
सीएम ने कार्यक्रम के आयोजकों और सेवादारों (मौके पर मौजूद स्वयंसेवकों) को भी मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “सबसे दुखद पहलू यह था कि स्वयंसेवकों ने प्रशासन को शुरू में परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया और घटना को दबाने की कोशिश की। जब प्रशासन ने लोगों को अस्पताल भेजना शुरू किया, तो स्वयंसेवक मौके से भाग गए।” योगी ने कहा, “दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और हम सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
अपने दौरे के दौरान सीएम ने मीडिया को बताया कि 121 मृतकों में से कुछ उत्तर प्रदेश के थे, जबकि अन्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के थे। खास तौर पर, हाथरस, बदायूं, कासगंज, एटा, ललितपुर, फिरोजाबाद, मथुरा, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी समेत उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के लोग प्रभावित हुए हैं। छह पीड़ित दूसरे राज्यों के थे, जिनमें एक मध्य प्रदेश, चार हरियाणा और चार राजस्थान के थे।