यूपीआई धोखाधड़ी में 2024 में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई: दिल्ली पुलिस ने लोगों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 5 सबसे आम तकनीकों और सुरक्षित रहने के टिप्स साझा किए – टाइम्स ऑफ इंडिया
यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी सबसे आम थीं वित्तीय घोटाले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2024 के पहले छह महीनों में साझा किया गया डेटा दिल्ली पुलिस खुलासा हुआ कि इस साल जून तक 25,924 यूपीआई से जुड़ी शिकायतें दर्ज की गईं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी में पैसे चुराने के लिए विभिन्न तकनीकों का सहारा लिया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
नकली भुगतान स्क्रीनशॉट
जालसाज पीड़ित को पैसे भेजते हुए दिखाने वाली नकली तस्वीरें बनाते हैं, फिर उन्हें पैसे वापस भेजने का झांसा देते हैं।
“फ्रेंड इन नीड” घोटाला
घोटालेबाज मुसीबत में फंसे दोस्तों या रिश्तेदारों का रूप धारण करके पीड़ित से फर्जी आपात स्थिति के लिए पैसे भेजने का आग्रह करते हैं।
नकली यूपीआई क्यूआर कोड
ये कोड दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों या ऐप्स की ओर ले जाते हैं जो आपके UPI क्रेडेंशियल चुराते हैं।
स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स
दुर्भावनापूर्ण ऐप्स यूपीआई पिन और ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए आपकी स्क्रीन गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकते हैं।
एकत्रित अनुरोध धोखाधड़ी
स्कैमर्स आपके यूपीआई ऐप के माध्यम से एक अनुरोध भेजकर पैसे मांग सकते हैं, एक वैध इकाई होने का दिखावा कर सकते हैं या लेनदेन के मुद्दे पर मदद की पेशकश कर सकते हैं।
पुलिस ने यूपीआई उपयोगकर्ताओं से सतर्क रहने और इन घोटालों का शिकार होने से बचने का आग्रह किया है। यहां सुरक्षित रहने का तरीका बताया गया है:
* नकली स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें: लेन-देन को हमेशा सीधे अपने UPI ऐप के माध्यम से सत्यापित करें।
* अत्यावश्यक अनुरोधों से सावधान रहें: किसी ज़रूरतमंद दोस्त या रिश्तेदार की पहचान की पुष्टि किए बिना उसे पैसे न भेजें।
* केवल वैध क्यूआर कोड स्कैन करें: किसी भी QR कोड को स्कैन करने से पहले उसका स्रोत सत्यापित करें।
* व्यक्तिगत जानकारी कभी साझा न करें: अपना यूपीआई पिन, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
* एकत्रित अनुरोधों से सावधान रहें: केवल ज्ञात संपर्कों या विश्वसनीय स्रोतों के अनुरोधों को स्वीकृत करें।