मूर्ति ढहने के मामले में नामजद स्ट्रक्चरल इंजीनियर ने किया आत्मसमर्पण – टाइम्स ऑफ इंडिया
उसने एक दोस्त के ज़रिए पुलिस से संपर्क किया और आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने कहा, “हमने उसकी तलाश के लिए टीमें भेजी थीं। हमने उसके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से पूछताछ की। एफआईआर दर्ज होने के बाद से मालवन पुलिस की एक टीम कोल्हापुर में थी। हमने आरोपी को तुरंत टीम को सौंप दिया।”
पाटिल कोल्हापुर शहर के शिवाजी पेठ से हैं और कर्नाटक के बेलगावी जिले के चिकोडी में रह रहे थे। कोल्हापुर पुलिस ने बताया कि मेडिकल जांच के बाद पाटिल को मालवन ले जाया गया, जहां सुबह-सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर और मूर्तिकार जयदीप आप्टे पर धारा 109 (हत्या का प्रयास), 110, 125, 318 और बीएनएस की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मालवण पुलिस के इंस्पेक्टर अशोक कोल्हे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “हमने अभी तक आरोपी को अदालत में पेश नहीं किया है। गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हमने मूर्ति बनाने वाले की तलाश के लिए पुलिस टीमें तैनात की हैं, जो अभी भी फरार है।”
चेतन पाटिल एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। बतौर स्ट्रक्चरल इंजीनियर उन्हें प्रोजेक्ट का डिज़ाइन तैयार करने का काम दिया गया था।
गुरुवार को सिंधुदुर्ग पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा की टीम ने इस मामले में फरार आरोपी मूर्तिकार जयदीप आप्टे की पत्नी से पूछताछ की थी। टीम ने उसके पति के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बाद में टीम ने उस इमारत का सीसीटीवी फुटेज बरामद किया जहां आप्टे रहता है।
इस मामले में आप्टे और उसके आर्किटेक्ट के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से ही वह घर छोड़कर छिप गया है।
इस पतन ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें विपक्षी एमवीए ने महायुति सरकार पर निशाना साधा है, जबकि महायुति ने एमवीए पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।