मानसून योग: उमस भरे मौसम में गर्मी से राहत पाने के लिए 7 सर्वश्रेष्ठ योग व्यायाम
जैसे-जैसे पारा बढ़ता है और आर्द्रता का स्तर बढ़ता है, योग का अभ्यास सक्रिय रहने और अपनी सेहत को बनाए रखने का एक ताज़ा और तरोताज़ा करने वाला तरीका हो सकता है। हालाँकि, सभी योगासन आर्द्र मौसम के लिए आदर्श नहीं होते हैं। योग एक बहुमुखी अभ्यास है जिसे विभिन्न मौसम स्थितियों के अनुरूप अपनाया जा सकता है। जब मौसम गर्म और आर्द्र होता है, तो ये सात योग अभ्यास आपको ठंडा, शांत और एकत्रित रहने में मदद कर सकते हैं।
हाइड्रेटेड रहना, अच्छी तरह हवादार जगह पर अभ्यास करना और अपने शरीर के संकेतों को सुनना याद रखें। सही आसन और सचेत अभ्यास के साथ, आप सबसे चिपचिपे मौसम में भी अपने योग सत्र का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
यहां सात योग अभ्यास हैं जो उन तपती गर्मी के दिनों में ठंडा और आरामदायक रहने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।
शीतली प्राणायाम (सांस को ठंडा करना):
अपने योग सत्र की शुरुआत शीतली प्राणायाम से करें, जिसे कूलिंग ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है। आराम से बैठें, अपनी जीभ को एक ट्यूब में घुमाएं और इसके माध्यम से गहरी सांस लें। अपनी नाक से सांस छोड़ें। यह सांस शरीर को ठंडा करती है और तंत्रिका तंत्र को आराम देती है, जिससे यह आर्द्र परिस्थितियों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाती है।
त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा):
त्रिकोणासन में शरीर को त्रिकोणीय आकार में फैलाना शामिल है। यह संतुलन में सुधार करता है और पैरों को मजबूत बनाता है, जबकि चौड़ा रुख बेहतर वायु प्रवाह की अनुमति देता है, जिससे आपको अधिक गर्मी महसूस होने में मदद मिलती है।
भुजंगासन (कोबरा मुद्रा):
यह बैकबेंड न केवल लचीलेपन को बढ़ाता है बल्कि छाती को भी खोलता है, जिससे बेहतर सांस लेने को बढ़ावा मिलता है। कोबरा पोज़ रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है और तनाव से राहत देता है, जिससे यह आर्द्र मौसम के लिए एक बढ़िया विकल्प बन जाता है।
वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा):
वृक्ष मुद्रा एक खड़े होकर संतुलन बनाने की मुद्रा है जो फोकस और स्थिरता को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह स्थिर श्वास को प्रोत्साहित करता है और ग्राउंडिंग की भावना प्रदान करता है, जो विशेष रूप से गर्म और आर्द्र परिस्थितियों में फायदेमंद हो सकता है।
शवासन (शव मुद्रा):
जब गर्मी अत्यधिक हो जाए तो शवासन से ब्रेक लें। अपनी पीठ के बल लेट जाएं, अपनी आंखें बंद कर लें और गहरी, धीमी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। यह विश्राम मुद्रा तनाव को कम करने में मदद करती है और शांति और शीतलता की भावना को बढ़ावा देती है।
सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार):
सूर्य नमस्कार बारह योग मुद्राओं की एक श्रृंखला है जो पूरे शरीर की कसरत के रूप में एक साथ काम करती है। जहां यह आंतरिक गर्मी पैदा करता है, वहीं यह रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। उमस भरे मौसम में, पसीना बहाने और उसके बाद तरोताजा महसूस करने का यह एक शानदार तरीका हो सकता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (मछलियों का आधा स्वामी मुद्रा):
यह बैठा हुआ मोड़ रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन और पाचन में सुधार करता है। आर्द्र परिस्थितियों में, यह सूजन या अपच के कारण होने वाली परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है। घुमाने की क्रिया परिसंचरण तंत्र को भी उत्तेजित करती है, जिससे तापमान विनियमन में सहायता मिलती है।