मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करें, अस्पताल बंद करें: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ पर राज्य मशीनरी को फटकार लगाई | कोलकाता समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया


कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हाल ही में हुई तोड़फोड़ की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
अदालत ने डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने की राज्य की क्षमता पर सवाल उठाया तथा इस बात पर बल दिया कि ऐसी घटनाएं स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा करती हैं।

अपनी टिप्पणियों में न्यायालय ने कहा कि 'पूर्णतया राज्य मशीनरी की विफलता' अस्पताल पर हमले को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण नष्ट हो गए।

न्यायाधीशों ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाओं का डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों के मनोबल और आत्मविश्वास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

उच्च न्यायालय की आलोचना राज्य द्वारा चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा माहौल बनाए जहां स्वास्थ्यकर्मी हिंसा या धमकी के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।

न्यायाधीशों ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल एवं प्रभावी उपाय किए जाने का आह्वान किया।

उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया कि पुलिस को वहां एकत्रित हुई 7,000 लोगों की विशाल भीड़ के बारे में जानकारी क्यों नहीं थी, तथा इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इतनी बड़ी भीड़ के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

अदालत ने भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और तोड़फोड़ करने की जल्दबाजी पर भी अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की, तथा भीड़ द्वारा हिंसक और नुकसानदायक व्यवहार करने की तत्काल आवश्यकता के पीछे के कारणों को समझने का प्रयास किया।
अदालत ने यह भी कहा कि बेहतर होगा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से मरीजों को स्थानांतरित कर दिया जाए और इसे बंद कर दिया जाए।





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