मध्य प्रदेश हाईकोर्ट: पति को शारीरिक अंतरंगता से वंचित करना क्रूरता के बराबर है | भोपाल समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया


भोपाल: शारीरिक संबंध बनाने से इंकार करने पर पति के बराबर क्रूरता अंतर्गत हिंदू विवाह अधिनियम, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय इस आधार पर पति को तलाक देने के पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए न्यायालय ने कहा।
उच्च न्यायालय ने यह फैसला 26 मई, 2013 को विवाहित एक जोड़े के लिए सुनाया। न्यायालय ने कहा कि पति को शारीरिक अंतरंगता से वंचित करना क्रूरता के समान है।शादी के तीन दिन बाद ही महिला का भाई उसे परीक्षा दिलाने के लिए मायके ले गया। कुछ दिन बाद जब उसके ससुराल वाले उसे वापस लाने गए तो उसने साथ आने से इनकार कर दिया।
इसके बाद महिला ने सीधी में अपने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। इसके बाद दंपति आपसी सहमति से तलाक के लिए राजी हो गए। हालांकि, पत्नी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पति ने हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत सतना पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की। ​​दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद पारिवारिक न्यायालय ने 17 अगस्त, 2021 को तलाक मंजूर कर लिया।
महिला ने तलाक के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि उसकी पत्नी उसके साथ सिर्फ तीन दिन रही और इस दौरान उनके बीच कोई शारीरिक संबंध नहीं बने।





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