बांग्लादेश संकट और चीन की आक्रामक रणनीति के बीच भारतीय नौसेना की शीर्ष बैठक


नौसेना अदन की खाड़ी में अपने अभियानों की भी समीक्षा करेगी। (प्रतिनिधि)

नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता के बीच मंगलवार से देश और उसके आसपास सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक करेंगे।

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और वहां चरमपंथी कट्टरपंथी समूहों का बढ़ता प्रभाव उभरती सुरक्षा चिंताओं में से एक है, जिस पर बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है। एक अन्य प्रमुख चिंता पाकिस्तान को बढ़ती चीनी गतिविधियाँ और सैन्य सहायता है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक 17 सितंबर से चार दिनों तक दिल्ली में नए नौसेना मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इस साल अप्रैल में एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के नौसेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद यह पहला सम्मेलन होगा।

यह घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लखनऊ में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा बलों से अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने के आह्वान के बाद की गई है।

बैठक में नए थियेटर कमांड के गठन पर भी चर्चा की जाएगी।

एडमिरल ने सभी कमांडरों को हर समय उच्च परिचालन तैयारी बनाए रखने का निर्देश दिया है।

नौसेना अदन की खाड़ी में अपने अभियानों की भी समीक्षा करेगी, जहां इस वर्ष के प्रारंभ में समुद्री डाकुओं और ड्रोन हमलों के खिलाफ उसे काफी सफलता मिली थी।

बल वर्ष में दो बार कमांडर सम्मेलन आयोजित करता है, जहां सभी वरिष्ठ अधिकारी अपने इनपुट और प्रस्तुतीकरण देते हैं।



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