बस कंडक्टर से लेकर ऑस्कर-नामांकित फिल्म में अभिनय तक, सुनील दत्त के जीवन पर एक नज़र | जयंती विशेष
1950 और 1960 के दशक में सुनील दत्त बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए थे। उन्होंने 'साधना', 'इंसान जाग उठा', 'सुजाता', 'मुझे जीने दो', 'पड़ोसन' जैसी कई हिट फ़िल्में दीं। इसके अलावा, एक्टर ने भारत की पहली ऑस्कर-नॉमिनेटेड फ़िल्म मदर इंडिया में भी काम किया। हर फ़िल्म में उनका अलग अंदाज़, अवतार और तेवर देखने को मिले। वे एक्टिंग के साथ-साथ राजनीति में भी सफल रहे। यही वजह है कि उनकी राजनीतिक विरासत को उनकी बेटी प्रिया दत्त आगे बढ़ा रही हैं। आज उनकी 95वीं जयंती के मौके पर आपको उनके जीवन के उन उतार-चढ़ावों के बारे में पता चलेगा, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता हो।
परेशानियों भरा बचपन और प्रारंभिक जीवन
आपको बता दें कि सुनील दत्त का जीवन बचपन में भी आसान नहीं था। उन्होंने बचपन के दिनों से ही कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने 5 साल की छोटी सी उम्र में अपने पिता को खो दिया था। किसी तरह वे अपनी पढ़ाई पूरी कर पाए। जब सुनील दत्त 18 साल के थे तब आजादी के बाद भारत का बंटवारा हो गया था। ऐसे में वे अपनी मां के साथ पंजाब में बस गए। उन्होंने कुछ समय उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी बिताया। इसके बाद वे पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए और मुंबई के जय हिंद कॉलेज में पढ़ाई करने लगे। पढ़ाई के साथ-साथ वे जीविकोपार्जन के लिए काम की तलाश करने लगे। इसी तलाश में उन्हें बस कंडक्टर की नौकरी मिल गई और वे इसे करने लगे। सुनील दत्त ने मुंबई में कई छोटी-बड़ी नौकरियां कीं। इसके बाद उन्हें एक रेडियो चैनल में नौकरी मिल गई। रेडियो उद्घोषक के तौर पर सुनील दत्त ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उर्दू पर अच्छी पकड़ और दमदार आवाज की वजह से वे काफी लोकप्रिय हुए।
सुनील दत्त की पहली फिल्म
रेडियो के बाद सुनील दत्त ने बॉलीवुड का रुख किया. उन्होंने फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' से डेब्यू किया. हालांकि, अपनी पहली फिल्म से उन्हें ज्यादा पहचान नहीं मिल पाई, लेकिन कई बड़े निर्देशकों ने उन्हें नोटिस किया. इसके 6 साल बाद सुनील दत्त को महबूब खान ने फिल्म मदर इंडिया में काम करने का ऑफर दिया. इससे सुनील दत्त रातों-रात हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में स्टार बन गए. इसके बाद एक्टर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सुनील दत्त ने अपने एक्टिंग करियर में करीब 50 फिल्मों में काम किया. एक्टिंग करियर में सफल होने के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया, लेकिन यह काम उन्हें पसंद नहीं आया. इस काम की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी.
सुनील दत्त की यादगार फ़िल्में
सुनील दत्त की मशहूर फिल्मों में 'साधना', 'इंसान जाग उठा', 'मुझे जीने दो' और 'खानदान' जैसी कई हिट फिल्में शामिल हैं। हालांकि, उन्हें सबसे ज्यादा 'मदर इंडिया' के लिए याद किया जाता है। इसी सेट पर सुनील दत्त और नरगिस करीब आए थे। दत्त ने 11 मार्च, 1958 को पंजाबी मोहयाल वंश की दिवंगत अभिनेत्री नरगिस से शादी की थी, जो एक मुस्लिम थीं। अपनी शादी से पहले नरगिस ने हिंदू धर्म अपना लिया था और अपना नाम निर्मला दत्त रख लिया था। कथित तौर पर, दत्त ने मदर इंडिया के सेट पर लगी आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए।
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