प्रधान: कुछ गड़बड़ियों के कारण NEET पास करने वाले लाखों छात्रों को दंडित नहीं किया जाएगा | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया



नई दिल्ली: कथित तौर पर बढ़ते राजनीतिक विवाद के बीच NEET-UG पेपर लीक, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि वैध तरीके से प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लाखों छात्रों को “गलत आचरण की छिटपुट घटनाओं” के लिए दंडित नहीं किया जा सकता।
प्रधान ने कहा, “आपको यह जानकर खुशी होगी कि इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों के बड़ी संख्या में छात्रों ने निजी संस्थानों से कोचिंग लिए बिना, अपने दम पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इसके विवरण का मूल्यांकन कर रहा है। बिहार पुलिसपुलिस ने दावा किया है कि उन्हें पेपर लीक होने के “संकेत” देने वाले सबूत मिले हैं, लेकिन प्रधान ने कहा कि “ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए हम बिहार पुलिस के संपर्क में हैं।”
प्रधान ने कहा, “किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सरकार नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।” शून्य-त्रुटि परीक्षाएक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने किसी भी अनियमितता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया, कमियों के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली और शून्य-त्रुटि परीक्षा के लिए वैश्विक विशेषज्ञों के साथ परामर्श का वादा किया, लेकिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया।
प्रधान ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक नई सरकार बनाएगी। उच्च स्तरीय पैनल एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने के लिए समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा, “समिति एनटीए, इसकी संरचना, कामकाज, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए सिफारिशें करेगी।” मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय बिहार पुलिस द्वारा की गई जांच के विवरण का मूल्यांकन कर रहा है।
पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें पेपर लीक होने के “संकेत” देने वाले सबूत मिले हैं, लेकिन प्रधान ने कहा कि “जिन सबूतों के लिए हम पुलिस के संपर्क में हैं, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे दिन बुलाई गई थी, जब NEET विवाद पर राजनीतिक ड्रामा चल रहा था, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने परीक्षा रद्द करने और स्वतंत्र जांच की मांग की थी।
जवाब में प्रधान ने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने एक तरफ छात्रों के हितों की रक्षा और परीक्षाओं की पारदर्शिता और अखंडता की रक्षा के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकार को बड़े पैमाने पर अनियमितता, खासकर पेपर लीक के विश्वसनीय सबूत नहीं मिल जाते, तब तक परीक्षा को तुरंत रद्द नहीं किया जाएगा।





Source link