प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, तीसरे कार्यकाल को परिभाषित करने वाले 'साहसिक निर्णय', भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध की शपथ ली | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
“सभी भारतीय एक साथ चलेंगे और देश को प्रगति दिलाएंगे…प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “तीसरे कार्यकाल का उपयोग साहसिक निर्णयों के नए अध्याय लिखने के लिए किया जाएगा और यह मोदी की गारंटी है।” ये कार्यकर्ता उस जनादेश की सराहना करने के लिए एकत्र हुए थे जो लगातार तीसरी बार मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनाएगा।
अगर मोदी को नतीजों से निराशा हो रही थी, तो उन्होंने ऐसा नहीं दिखाया। न ही ऐसा कोई संकेत था कि कम संख्या के कारण उन पर कोई अंकुश लगेगा, जबकि प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा।
“अगर देश को 21वीं सदी में आगे बढ़ना है तो हमें एक मुहिम चलानी होगी।” भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्धउन्होंने कहा, “डिजिटल इंडिया और तकनीक ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पंख दिए हैं, लेकिन यह लड़ाई कठिन होती जा रही है। भ्रष्टाचारियों को बेशर्मी से महिमामंडित करना उन्हें ताकत दे रहा है। हालांकि, एनडीए के तीसरे कार्यकाल का उपयोग सभी तरह के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए किया जाएगा।” यह बयान विपक्ष द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग की आक्रामक निंदा के मद्देनजर महत्वपूर्ण प्रतीत होता है।
लोकसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव
उनकी विशिष्ट दृढ़ता कांग्रेस पर कटाक्ष करने तथा चुनावों की सत्यनिष्ठा पर संदेह करने वालों को “आईना दिखाने” के लिए चुनाव आयोग की प्रशंसा करने तक भी फैली हुई थी।
मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव लोकतंत्र की जीत है और यह देश के संविधान में लोगों की अटूट आस्था का प्रतिबिंब है तथा इससे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को बल मिला है।
चुनाव आयोग, उसके अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 140 भारतीयों को देश की चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं देश के लोगों, प्रभावशाली लोगों, राय बनाने वालों से आग्रह करता हूं कि वे पूरी दुनिया को देश की चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराएं, क्योंकि इसने देश को एक नई पहचान दी है।” यह स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों के लगातार हमले का जवाब था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए की जीत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जीत है, यह संविधान के प्रति अटूट निष्ठा की जीत है, यह विकसित भारत के संकल्प की जीत है, यह 140 करोड़ भारतीयों के 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र की जीत है।
एनडीए की जीत के अंतर में कमी आने पर विपक्षी दलों द्वारा मनाए जा रहे जश्न के बीच उन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, “हमारे विरोधी मिलकर भी उतनी सीटें नहीं जीत सकते, जितनी भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में जीती हैं।”
मोदी ने इसे अपने लिए भावुक क्षण बताते हुए कहा, “मां के निधन के बाद यह मेरा पहला चुनाव था, लेकिन यकीन मानिए, देश की करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों ने मुझे कभी मां की कमी महसूस नहीं होने दी। देशभर में जहां भी मैं गया, माताओं, बहनों और बेटियों ने मुझे अभूतपूर्व प्यार और आशीर्वाद दिया।”
पीएम ने कहा कि 10 साल पहले देश ने बदलाव के लिए जनादेश दिया था, क्योंकि वो वो समय था जब देश निराशा के गर्त में डूब चुका था। उन्होंने कहा, “हमें 'नाजुक पांच' जैसे शब्द नसीब हुए, अखबारों की सुर्खियां हर दिन घोटालों से भरी रहती थीं और देश की युवा पीढ़ी अपने भविष्य को लेकर आशंकित रहने लगी थी। तब देश ने हमें निराशा के गहरे सागर से उम्मीद के मोती निकालने का काम सौंपा। हम सबने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया और काम किया। 2019 में देश ने इस प्रयास पर विश्वास जताते हुए फिर से प्रचंड जनादेश दिया। इसके बाद एनडीए का दूसरा कार्यकाल विकास और विरासत की गारंटी बन गया।”
मोदी ने आगे कहा, “2024 में इसी गारंटी के साथ हम देश के कोने-कोने में लोगों का आशीर्वाद लेने गए थे। आज एनडीए को तीसरी बार जो आशीर्वाद मिला है, मैं उसे नम्रता के साथ नमन करता हूं।”
उन्होंने एक बार फिर आश्वासन दिया कि अगला कार्यकाल महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का युग होगा, जिसमें युवाओं, किसानों की मुक्ति पर अधिक ध्यान दिया जाएगा तथा गरीबी को मिटाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाएगा, ताकि यह अतीत की बात बन जाए।