पुणे पोर्श केस: किशोर चालक के पिता को जमानत मिली | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया



नई दिल्ली: पुणे की एक जिला अदालत ने शुक्रवार को एक नाबालिग लड़की के पिता को जमानत दे दी। नाबालिग आरोपी एक मामले में जहां उन पर 19 मई को तेज गति से पोर्श चलाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप शहर में काम करने वाले दोनों आईटी इंजीनियरों अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी।
पुलिस ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें घटना की गंभीरता को देखते हुए किशोर पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया है। नाबालिग को फिलहाल पुणे के एक सुधार गृह में रखा गया है।

जांच के दौरान, पुणे पुलिस ने नाबालिग के माता-पिता और दादा को सबूतों से छेड़छाड़ समेत कई आरोपों में हिरासत में लिया था। उनके अलावा, लड़के के रक्त के नमूनों को उसकी मां के रक्त के नमूनों से बदलने और मूल नमूनों को नष्ट करने के आरोप में दो डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए सभी लोग फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

शुरुआत में किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग को रिहा कर दिया था और उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस की मदद करने और 300 शब्दों का निबंध लिखने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद लोगों में आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग उठने लगी।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि पीड़ितों के परिवार निस्संदेह सदमे की स्थिति में हैं। हालांकि, उसने यह भी कहा कि शराब के नशे में कथित तौर पर दुर्घटना का कारण बनने वाला किशोर भी सदमे की स्थिति में हो सकता है, जिसका स्वाभाविक रूप से उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा होगा।





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