पहली बार मध्य प्रदेश सरकार बोरवेल से होने वाली मौतों को रोकने के लिए विधेयक पेश करेगी | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया



भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार तैयारी कर रहा है कानून – कहा जा रहा है कि यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है – ताकि कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सके। खुले बोरवेलपिछले सात महीनों में मध्य प्रदेश में ऐसी नौ से अधिक घटनाएं सामने आई हैं।
राज्य की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उइके ने टाइम्स ऑफ इंडिया से इसकी पुष्टि की है। बिल अगले महीने विधानसभा के बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा।
उइके ने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।” सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित कानून में विस्तृत दिशा-निर्देश होंगे कि ऐसी त्रासदियों को कैसे रोका जाए, अगर ऐसी कोई घटना हो जाए तो क्या किया जाए और जवाबदेही कैसे तय की जाए।
अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि “खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटना और सुरक्षा विधायक” शीर्षक से एक मसौदा विधेयक तैयार है। एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “एक बार जब यह अस्तित्व में आ जाएगा, तो मध्य प्रदेश ऐसा कानून बनाने वाला पहला राज्य होगा।”
विधेयक में खुले/सूखे बोरवेल की पहचान करने और उन्हें न भरने या बंद न करने तथा उन्हें खुला खतरा बने रहने देने के लिए जिम्मेदार लोगों पर भारी जुर्माना लगाने की बात कही गई है। यदि बोरवेल निजी भूमि पर है, तो भूमि मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा। यदि यह सरकारी भूमि है, तो संबंधित विभाग और अधिकारी को दंडित किया जाएगा।
दूसरे चरण में अगर कोई व्यक्ति खुले बोरवेल में गिरता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। अभी तक आरोपी पर लापरवाही का मामला दर्ज किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि नए कानून के तहत आरोपी पर आईपीसी की और भी कठोर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि भूमि मालिक या सरकारी अधिकारी के अलावा बोरवेल खोदने वाली एजेंसी की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि नागरिकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे वे सरकार को खुले बोरवेल के बारे में सूचित कर सकें ताकि निवारक कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि जुर्माने और सजा की मात्रा का खुलासा बाद में किया जाएगा।





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