न्याय सरल होना चाहिए, प्रक्रियाएं इसे कठिन बनाती हैं: पीएम मोदी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया



जोधपुर: बजे नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत को आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी। कानूनी दस्तावेजों की दिशा में सबसे बड़ा हथियार होगा सशक्त बनाने गरीब।
यहां राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जयंती समारोह के समापन समारोह में बोलते हुए मोदी ने कानूनी बिरादरी से इसे संभव बनाने में सरकार की मदद करने का आह्वान किया।
“यह महत्वपूर्ण है कि लोगों को स्थानीय भाषाओं में कानूनी दस्तावेजों तक पहुंच प्राप्त हो। न्याय हमेशा होना चाहिए सरल प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे पास स्पष्ट और पारदर्शी जानकारी है। हमारी प्रक्रियाएं इसे कठिन बनाती हैं।”
उन्होंने अलग-अलग काम करने वाली सभी आईटी प्रणालियों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
मोदी ने कहा, “पुलिस, फोरेंसिक, प्रक्रिया और सर्वोच्च न्यायालय से लेकर जिला न्यायालयों तक की सेवा प्रणाली, सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण है कि अलग-अलग काम करने वाली सभी आईटी प्रणालियों को एकीकृत किया जाए।”
मोदी ने लोगों को सशक्त बनाने के लिए तकनीक के महत्व पर भी जोर दिया। न्याय को सरल और स्पष्ट बनाना न्यायपालिका की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए मोदी ने कहा कि देश ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू करने का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “औपनिवेशिक मानसिकता पर काबू पाकर हमने औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त कर दिया है। अब दंड के बदले न्याय है, जो भारतीय दर्शन का आधार है।”
मोदी ने लोगों से न्याय पाने के लिए अदालतों के अंतहीन चक्कर लगाने के लिए माफी मांगने को कहा।
उन्होंने कहा, “हमें इस चक्कर को, आम नागरिक की इस पीड़ा को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।”





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