'नेताजी के पार्थिव अवशेष वापस लाओ': सुभाष चंद्र बोस के पोते ने पीएम मोदी से की अपील | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
चंद्रा ने कहा कि नेताजी स्वतंत्रता के बाद भारत लौटना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।
चंद्रा ने कहा, “यह बेहद अपमानजनक है कि नेताजी के अवशेष रेंकोजी मंदिर में रखे गए हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह भी अनुरोध किया कि नेताजी की मृत्यु के बारे में फैलाई जा रही “झूठी कहानियों” को समाप्त करने के लिए केंद्र को एक अंतिम बयान जारी करना चाहिए।
बोस ने एक पत्र में लिखा, “इसलिए यह जरूरी है कि भारत सरकार की ओर से एक अंतिम बयान दिया जाए ताकि भारत के मुक्तिदाता के बारे में झूठी कहानियों को विराम दिया जा सके। मेरी आपसे विनम्र अपील है कि 18 अगस्त, 2024 तक नेताजी के पार्थिव अवशेषों को रेंकोजी से भारत वापस लाया जाए।” प्रधानमंत्री मोदी रविवार को।
चंद्रा ने आगे कहा कि एनडीए के नेतृत्व वाली सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल की और यह स्पष्ट हो गया कि “नेताजी 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक हवाई दुर्घटना में मारे गए थे” जिसके बाद “सभी 10 जांच – राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय” जारी हो गईं।
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि गोपनीयता हटाने की प्रक्रिया से गोपनीय फाइलें और दस्तावेज उजागर हुए हैं, जिनसे “यह निर्णायक रूप से स्थापित होता है कि नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को इस हवाई दुर्घटना में हुई थी।”
उन्होंने साक्षात्कार में बताया कि नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ उनकी अंतिम क्रिया हिंदू परंपरा के अनुसार करना चाहती हैं।
चंद्रा ने कहा, “हम पिछले साढ़े तीन वर्षों से प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं कि भारत के मुक्तिदाता के सम्मान में उनके अवशेष भारत की धरती पर आने चाहिए।”
उन्होंने कहा, “अगर उन्हें लगता है कि ये अवशेष नेताजी के नहीं हैं, तो उन्हें रेंकोजी में रखने के लिए रखरखाव प्रदान नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में प्रधानमंत्री से बयान की उम्मीद है।”