नाटो एशिया की ओर बढ़ रहा है: पुतिन – टाइम्स ऑफ इंडिया
वियतनामी समकक्ष टो लैम के साथ विचार-विमर्श के बाद पुतिन ने एक सुरक्षा ढांचा बनाने में पारस्परिक हित पर जोर दिया, जिसमें बल प्रयोग से बचा जा सके तथा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान हो सके।उन्होंने कहा कि रूस और वियतनाम के विचार समान हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा समस्याएँ।
पुतिन ने कहा, “इन मुद्दों पर रूस और वियतनाम की स्थिति काफी हद तक एक-दूसरे से मिलती-जुलती है या करीब-करीब एक जैसी है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन ने वैश्विक घटनाक्रमों के जवाब में क्षेत्रीय साझेदारों के साथ सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नाटो का अमेरिका में प्रवेश एशिया रूस टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रूस सहित सभी क्षेत्रीय देशों के लिए एक बड़ा खतरा है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “हम देख रहे हैं कि एशिया में क्या हो रहा है? एक ब्लॉक सिस्टम बनाया जा रहा है… नाटो पहले से ही वहां स्थायी निवास की तरह आगे बढ़ रहा है। यह निश्चित रूप से रूसी संघ सहित क्षेत्र के सभी देशों के लिए खतरा है। हम इसका जवाब देने के लिए बाध्य हैं और हम ऐसा करेंगे।”
पुतिन ने यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति के जवाब में अपने सहयोगियों को हथियार प्रदान करने के रूस के अधिकार का भी उल्लेख किया, जिसमें संभवतः उत्तर कोरिया और अन्य देशों को लंबी दूरी के हथियार भी शामिल हैं।
2021 में, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने AUKUS सुरक्षा साझेदारी बनाई, जिसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियाँ हासिल करने में मदद करना था। बीजिंग ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे “नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण” स्थापित करने का प्रयास बताया है, जो हथियारों की होड़ को बढ़ावा देता है और क्षेत्रीय स्थिरता को कमज़ोर करता है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने क्षेत्र में नाटो की गतिविधियों की बार-बार निंदा की है तथा इसे “चलती-फिरती युद्ध मशीन” तथा “भयानक राक्षस” बताया है जो क्षेत्रीय शांति को बाधित करता है।