देखें: वंदे भारत स्लीपर कोच कैसा दिख सकता है
अगले तीन महीनों में इसे यात्री परिचालन के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली:
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की सुविधा में वंदे भारत स्लीपर कोच के प्रोटोटाइप संस्करण का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में यह ट्रेन यात्रियों के लिए चालू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि आगे के परीक्षण के लिए पटरियों पर उतरने से पहले वंदे भारत स्लीपर कोच को दस दिनों तक परीक्षण से गुजरना होगा। अगले तीन महीनों में इसे यात्रियों के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है।
कर्नाटक: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलुरु में BEML में वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर कोच का निरीक्षण किया pic.twitter.com/5xtTJ2SM4F
— आईएएनएस (@ians_india) 1 सितंबर, 2024
श्री वैष्णव ने कहा, “वंदे भारत चेयर कार के बाद, हम वंदे भारत स्लीपर कार पर काम कर रहे थे। इसका निर्माण अब पूरा हो गया है। यह ट्रेन आज बीईएमएल सुविधा से परीक्षण के लिए निकलेगी।”
वंदे भारत स्लीपर कोच की मुख्य विशेषताएं
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। श्री वैष्णव ने कहा कि 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रात भर की यात्रा के लिए है और यह 800 किलोमीटर से 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। ट्रेन के अंदर ऑक्सीजन का स्तर और वायरस से सुरक्षा, कोविड-19 महामारी से सीखी गई सीख, ट्रेन की अतिरिक्त विशेषताएं हैं।
उन्होंने कहा, “यह ट्रेन मध्यम वर्ग के लिए होगी और इसका किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा।”
बयान में कहा गया है कि इसमें जीएफआरपी पैनल, मॉड्यूलर पेंट्री, विशेष बर्थ और दिव्यांगों के लिए शौचालय तथा स्वचालित बाहरी यात्री दरवाजे होंगे।
प्रथम एसी बोगी में गर्म पानी की सुविधा, अंतिम दीवार पर दूर से संचालित अग्नि अवरोधक दरवाजे, सेंसर आधारित आंतरिक सज्जा, गंध रहित शौचालय प्रणाली, यूएसबी चार्जिंग सुविधा के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट, विशाल सामान रखने का स्थान आदि ट्रेन की अन्य प्रमुख विशेषताएं हैं।
एक बार जब वंदे भारत स्लीपर कारों के प्रोटोटाइप का उचित परीक्षण हो जाएगा, तो उत्पादन की श्रृंखला शुरू हो जाएगी।
श्री वैष्णव ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “हम डेढ़ साल बाद उत्पादन की श्रृंखला शुरू करेंगे। तब व्यावहारिक रूप से हर महीने दो से तीन ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी।”