दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर धीमी, तीसरी तिमाही में 4.4% की वृद्धि


भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था। (फ़ाइल)

नयी दिल्ली:

सरकार द्वारा आज जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) 7 प्रतिशत बढ़ सकता है। जारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के लिए क्यू3 विकास दर जुलाई-सितंबर में 6.3 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत हो गई।

सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था साल-दर-साल 6.3% बढ़ी थी।

जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7 प्रतिशत आंकी गई थी।

दो अनुमानों के बीच मुख्य अंतर यह है कि SAE (द्वितीय अग्रिम अनुमान) की गणना Q3 (अक्टूबर से दिसंबर) के लिए GDP डेटा को शामिल करके की जाती है।

इससे पहले दिसंबर में, भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय स्थितियों के कड़े होने के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार 2022-23 के ग्रोथ प्रोजेक्शन में कटौती की थी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2022-23 में अर्थव्यवस्था के 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जबकि एशियाई विकास बैंक ने 6.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।



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