दिल्ली के एक व्यक्ति ने अमेरिकी महिला से 400,000 डॉलर ठगे। जांच एजेंसी ने बताया कि उसने ऐसा कैसे किया?
नई दिल्ली:
अमेरिका की एक महिला लिसा रोथ को 4 जुलाई, 2023 को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को “माइक्रोसॉफ्ट का एजेंट” बताया। उसने उससे $400,000 डॉलर को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में ट्रांसफर करने के लिए कहा। सुश्री रोथ को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गई हैं और उनसे 3.3 करोड़ रुपये (400,000 डॉलर) ठगे गए हैं।
एक साल बाद प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के एक सट्टेबाज और एक क्रिप्टोकरेंसी संचालक को गिरफ्तार किया। सट्टेबाज लक्ष्य विज पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में रहता है और उसका नाम तब सामने आया जब पिछले साल मार्च में गुजरात पुलिस ने उसे पूर्वी दिल्ली के क्रॉस रिवर मॉल से गिरफ्तार किया और आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसे रिहा करवाया।
महिला को कैसे ठगा गया
सुश्री रोथ द्वारा ट्रांसफर किए गए पैसे प्रफुल गुप्ता और उनकी मां सरिता गुप्ता के वॉलेट में गए। जांच के दौरान यह भी पता चला कि करण चुग नाम का एक व्यक्ति गुप्ता से यह पैसा प्राप्त कर रहा था और इसे अलग-अलग वॉलेट में जमा कर रहा था।
इसके बाद इस रकम को क्रिप्टोकरेंसी बेचकर अलग-अलग भारतीय फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया और करण और लक्ष्य के कहने पर पैसे ट्रांसफर किए गए। बाद में लोगों से मिले पैसे का इस्तेमाल फेयर प्ले 24 जैसे बेटिंग ऐप पर किया गया
जांच एजेंसी ने पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और कई जगहों पर छापेमारी कर डिजिटल साक्ष्य बरामद किए। अपराध में इस्तेमाल किए गए क्रिप्टो वॉलेट के मालिकों के बयान भी दर्ज किए गए।
जांच में पता चला कि लक्ष्य के कहने पर ही सभी वॉलेट में पैसे ट्रांसफर किए गए और वही इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड है। मुख्य आरोपी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर भेज दिया गया है।