टीसीएस के करीब 40,000 कर्मचारियों को 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के टैक्स डिमांड नोटिस क्यों मिले हैं?



टीसीएस कर्मचारी आयकर विभाग ने स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) दावों में विसंगतियों के कारण 30,000 से 40,000 व्यक्तियों तक की बड़ी संख्या में टीसीएस कर्मचारियों को कर मांग नोटिस जारी किए हैं।
कर की मांग 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है, जो कंपनी में कर्मचारी की वरिष्ठता पर निर्भर करती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समस्या सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हुई है, जिसके कारण आयकर पोर्टल पर टीडीएस दावों को अपडेट नहीं किया जा सका।
आयकर अधिनियम की धारा 143(1) के तहत 9 सितंबर को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि वित्त वर्ष 24 की मार्च तिमाही के लिए करदाता द्वारा भुगतान की गई पूरी राशि का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
सीए हिमांक सिंगला ने एक्स पर साझा किया, “कई कर्मचारी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज आयकर विभाग से कर निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए कर मांग प्राप्त हो रही है। विभाग द्वारा भेजी गई 143(1) सूचनाओं की जांच करने पर पता चला कि करदाता द्वारा दावा किया गया टीडीएस विभाग द्वारा सही ढंग से अपडेट नहीं किया गया है और इसलिए रिफंड रोक दिया गया है।”
टीसीएस TOI द्वारा ईमेल के ज़रिए संपर्क किए जाने पर इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया। हालाँकि, कंपनी ने अपने कर्मचारियों से बातचीत की है और उन्हें नोटिस में उल्लिखित कोई भी भुगतान करने से पहले आगे के निर्देशों का इंतज़ार करने की सलाह दी है।
टीसीएस ने कर अधिकारियों को भी इस मुद्दे के बारे में सूचित कर दिया है तथा इसे शीघ्र हल करने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रही है।
एक आंतरिक पत्र में टीसीएस ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि उन्हें कर अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त हो गया है।
ईमेल में कहा गया है, “हमें पता चला है कि कर अधिकारी रिटर्न की पुनः प्रक्रिया करेंगे, जिसके बाद टीडीएस को आयकर विभाग द्वारा जारी फॉर्म 26एएस और टीसीएस द्वारा जारी फॉर्म 16 पार्ट ए के साथ समन्वयित किया जाएगा।”
कंपनी इस मुद्दे को सुलझाने तथा विसंगतियों को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।





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