'झूठी डींगें नहीं हांक सकते': विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा, सुरक्षा रणनीति में बदलाव की मांग की | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया



नई दिल्ली: विपक्ष ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा। सेना जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत 10 जवान शहीद हो गए। पिछले तीन हफ्तों में डोडा जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ थी। डोडा की घटना एक हफ्ते पहले कठुआ जिले के सुदूर माचेडी वन क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद हुई है, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे।
जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती जिलों में इस वर्ष अप्रैल से आतंकवादी हमलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। हमलों में एक सेना कैप्टन सहित 12 सुरक्षाकर्मी और 10 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 55 लोग घायल हुए हैं।
जहां विपक्षी दलों ने जम्मू क्षेत्र को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की, वहीं सेना ने एक बयान में कहा कि वे जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके लिए निरंतर अभियान जारी रहेंगे।
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने कहा कि वह सीमा पार से घुसपैठ कर जम्मू क्षेत्र के उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों और उसके बाद कश्मीर की ओर बढ़ रहे विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त और समन्वित अभियानों की एक श्रृंखला चला रही है।
'झूठी डींगें हांकने और फर्जी आख्यानों में लिप्त न हों'
कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा नीत एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पिछले 36 दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों की बाढ़ के मद्देनजर हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव की जरूरत है।”
खड़गे ने चेतावनी देते हुए कहा, “मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ “सामान्य रूप से चल रहा है” और कुछ भी नहीं बदला है। उन्हें पता होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र इन हमलों का खामियाजा भुगत रहा है। हम झूठी डींगें हांकने, फर्जी बयानबाजी और शोर-शराबा करके अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते।”
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सैनिक और उनके परिवार भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं। राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया, “लगातार हो रहे ये आतंकवादी हमले जम्मू-कश्मीर की खराब स्थिति को उजागर कर रहे हैं। हमारे सैनिक और उनके परिवार भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं। हर देशभक्त भारतीय मांग करता है कि सरकार बार-बार सुरक्षा चूक की पूरी जिम्मेदारी ले और देश और सैनिकों को नुकसान पहुंचाने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।”
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार की कश्मीर नीति “पूरी तरह विफल” हो गई है।
'जवाबदेही तय होनी चाहिए'
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमलों में “पिछले 32 महीनों में 50 सैनिकों की मौत” के लिए जवाबदेही मांगी।
महबूबा मुफ्ती ने सरकार से पूछा, “देश भर से जवान अपनी ड्यूटी के लिए कश्मीर आते हैं, लेकिन ताबूतों में वापस जाते हैं। अगर आप कहते हैं कि घाटी में आतंकवाद खत्म हो गया है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?… पिछले 32 महीनों में, खासकर जब से इस डीजीपी की नियुक्ति हुई है, सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं… आप लोग सीमाओं की रक्षा करते हैं। तो घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह क्षेत्रीय दलों की जिम्मेदारी है?”
उन्होंने कहा, “आपका नैरेटिव 6 साल से चल रहा है, आपको क्या हासिल हुआ? आपको उत्तरी कश्मीर में बड़ा झटका लगा है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “वर्तमान डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में अधिक व्यस्त हैं। वह पीडीपी को कैसे कुचला जाए और लोगों को कैसे परेशान किया जाए, इस बारे में अधिक चिंतित हैं।” उन्होंने कहा, “हमें यहां किसी 'फिक्सर' की जरूरत नहीं है। हमें एक डीजीपी की जरूरत है। हमारे पास पहले भी बाहर से डीजीपी आए हैं जिन्होंने बहुत अच्छा काम किया है।”
'प्रधानमंत्री मोदी के दावों का क्या हुआ?'
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि डोडा में हुआ आतंकी हमला बेहद चिंताजनक और खतरनाक है, क्योंकि यह एलओसी के अंदर हुआ है। ओवैसी ने कहा, “पीएम मोदी कहते थे 'घर में घुस कर मारेंगे'। फिर यह क्या है? यह सरकार की विफलता है। वे आतंकवाद को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं। डोडा में जो कुछ भी हुआ है, वह बेहद खतरनाक है।”
'सुरक्षा बल आतंकवाद के संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवाद रोधी अभियान में सेना के चार जवानों की शहादत से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं और उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल क्षेत्र में आतंकवाद के संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
'हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे'
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादियों के हाथों सैनिकों की मौत का “बदला” लिया जाएगा।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “डोडा जिले में हमारे सेना के जवानों और जेकेपी कर्मियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”
उन्होंने लिखा, “हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करेंगे। मैं लोगों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने और हमें सटीक जानकारी मुहैया कराने का आह्वान करता हूं ताकि हम आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर सकें और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर कर सकें।”
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)





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