'ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, बल्कि विश्वनाथ स्वयं हैं': यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ | भारत समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
सीएम योगी ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “दुर्भाग्य से लोग ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं, लेकिन यह वास्तव में विश्वनाथ हैं।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भक्त इसकी वास्तविक पहचान या नाम के इर्द-गिर्द की अनिश्चितता को सबसे बड़ी बाधा मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर हमारे समाज ने अतीत में इस बाधा को समझा और पहचाना होता, तो हमारा देश कभी उपनिवेश नहीं बनता।”
मुख्यमंत्री ने हिंदू पौराणिक कथाओं से आदि शंकराचार्य की भगवान शिव से काशी में मुलाकात की कहानी का भी हवाला दिया, जिसे अब वाराणसी कहा जाता है।
यूपी के मुख्यमंत्री का यह बयान वाराणसी की एक अदालत द्वारा हिंदू पक्ष के उस अनुरोध को खारिज करने के एक दिन बाद आया है जिसमें व्यास का तहखाना की मरम्मत और जीर्णोद्धार करने तथा इस पर नमाजियों के एकत्र होने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत का यह फैसला हिंदू पक्ष की याचिका के बाद आया है जिसमें मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों और सुप्रीम कोर्ट में लंबित संबंधित मामलों पर विचार करते हुए तहखाने की मरम्मत की मांग की गई थी।
हिंदू पक्ष का कहना है कि विवादित स्थल पर कभी मंदिर था। ज्ञानवापी मस्जिद उनका दावा है कि इस स्थल को 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था, हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस दावे से इनकार किया है।
फरवरी में वाराणसी की एक अदालत ने हिन्दू भक्त ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने में पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई। अदालत के आदेश के अनुसार, उन्हें मस्जिद के भीतर प्रतिबंधित क्षेत्र 'व्यास का टेकना' में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी।