'जिन्होंने राम का संकल्प लिया, उन्होंने सरकार बनाई', 'अहंकार' वाली टिप्पणी के एक दिन बाद RSS नेता ने कहा – News18


आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार (फोटो: पीटीआई)

आरएसएस नेता ने कहा, “देश उनके (मोदी के) नेतृत्व में प्रगति करेगा। लोगों में यह विश्वास है। हमें उम्मीद है कि यह विश्वास और बढ़ेगा।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया वे सभी सत्ता से बाहर हो गए, जबकि जिन लोगों ने राम का संकल्प लिया, उन्होंने तीसरी बार सरकार बनाई है।

उनकी टिप्पणियों को कुछ लोगों ने एक तरह से यू-टर्न के तौर पर देखा। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि ‘जिस पार्टी ने भगवान राम की भक्ति की और अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, हालांकि, वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई।’ इन टिप्पणियों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संदर्भ के तौर पर देखा गया और चुनाव नतीजों की पृष्ठभूमि में विवाद को हवा दी गई।

लेकिन शुक्रवार को कुमार ने कहा: “देश का माहौल इस समय में बहुत स्पष्ट है। जिन्होनें राम का विरोध किया वो सब सत्ता से बाहर हैं, जिन्होनें राम की भक्ति का संकल्प लिया आज वो सत्ता में हैं और तीसरी बार की सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बन गई है। उन्होंने कहा, “इस समय देश का माहौल बिल्कुल साफ है। भगवान राम का विरोध करने वाले सभी सत्ता से बाहर हैं, जिन्होंने राम की पूजा करने का संकल्प लिया था, वे आज सत्ता में हैं और तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी है।”

उन्होंने कहा, “देश उनके (मोदी के) नेतृत्व में प्रगति करेगा। लोगों में यह भरोसा है। हमें उम्मीद है कि यह भरोसा और बढ़ेगा।”

लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी को अकेले 240 सीटें मिलेंगी और एनडीए के सहयोगी दलों जैसे जनता दल (यूनाइटेड), तेलुगु देशम पार्टी और शिवसेना की मदद से 293 सीटें मिलेंगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन – भारत को 232 सीटें मिली हैं।

एक दिन पहले गुरुवार को जयपुर के पास कनोता में 'रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह' कार्यक्रम में बोलते हुए कुमार ने कहा था, “जिस पार्टी ने भगवान राम की भक्ति की और अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, हालांकि, यह सबसे बड़ी पार्टी बन गई।”

उन्होंने इंडिया ब्लॉक की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा, “और जिन लोगों की राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें 234 पर रोक दिया गया।”

उन्होंने आगे कहा, “लोकतंत्र में रामराज्य का विधान देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे, लेकिन जो वोट और ताकत उन्हें मिलनी चाहिए थी, वो अहंकार के कारण भगवान ने रोक दी।”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, राम का विरोध करने वालों में से किसी को भी सत्ता नहीं दी गई। उन सभी को एक साथ नंबर दो बना दिया गया।”

यह बयान कुछ दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक सच्चे सेवक को अहंकार के बिना लोगों की सेवा करनी चाहिए और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “जो लोग राम की पूजा करते हैं, उन्हें विनम्र होना चाहिए… भगवान राम भेदभाव नहीं करते और दंड नहीं देते। राम सभी को न्याय देते हैं। वह सभी को देते हैं और देते रहेंगे। भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय थे और आगे भी रहेंगे।”



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