जानें: लोकसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती कैसे होती है?
पिछले हफ़्ते छह हफ़्तों तक चले मैराथन लोकसभा चुनाव, जो भारत के इतिहास में दूसरा सबसे लंबा चुनाव था, समाप्त हो गया। एग्जिट पोल, जिसमें भाजपा की वापसी की भविष्यवाणी की गई थी, भी आ चुके हैं। मंगलवार को वोटों की गिनती होगी। लेकिन यह कैसे होगी?
यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए।
चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 54 ए के तहत डाक मतपत्रों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होती है। ईवीएम मतों की गिनती 30 मिनट बाद शुरू होती है।
प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। सुबह 7 बजे के आसपास, उम्मीदवारों या प्रत्येक चुनाव लड़ने वाली पार्टी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है। रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षक ताला खोलते हैं।
पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है, जिसके बाद ईवीएम की कंट्रोल यूनिट को मतगणना टेबल पर लाया जाता है। सीसीटीवी कैमरों और वीडियोग्राफी के जरिए इसकी निगरानी की जाती है।
मशीनों को टेबल पर रखने के बाद, प्रत्येक कंट्रोल यूनिट की विशिष्ट आईडी और सील का मिलान किया जाता है और फिर उसे प्रत्येक उम्मीदवार के मतदान एजेंट को दिखाया जाता है।
कंट्रोल यूनिट में एक बटन दबाने पर ईवीएम में प्रत्येक उम्मीदवार का वोट उसके नाम के आगे दिखने लगता है।
प्रत्येक मतगणना केंद्र में कुल 15 टेबल हैं – 14 काउंटिंग के लिए हैं और एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए आरक्षित है। कौन सा कर्मचारी किस टेबल पर काउंटिंग करेगा, यह गुप्त रखा जाता है। काउंटिंग की सुबह, प्रत्येक जिले का रिटर्निंग ऑफिसर रैंडम तरीके से कर्मचारियों को हॉल और टेबल आवंटित करता है।
सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाती है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट और इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। इसके तुरंत बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती है। कुछ ही मिनटों में रुझान सामने आने लगते हैं।
केवल मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और एजेंट ही मतगणना केंद्र के अंदर जा सकेंगे।
मतगणना पूरी होने तक किसी भी उम्मीदवार के एजेंट को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। ड्यूटी पर मौजूद लोगों के अलावा कोई भी अपना मोबाइल अंदर नहीं ले जा सकता। अगर किसी पार्टी एजेंट को गड़बड़ी का संदेह है तो वह नतीजों की आधिकारिक घोषणा के बाद ही दोबारा मतगणना की मांग कर सकता है।
रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्येक उम्मीदवार को मिले वोटों का डेटा रिजल्ट शीट पर दर्ज करता है। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर परिणाम घोषित करता है और जीतने वाले उम्मीदवार को जीत का प्रमाण पत्र सौंपता है।
मतगणना पूरी होने के बाद ईवीएम को फिर से स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। नियमों के मुताबिक मतगणना के दिन से 45 दिन तक ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखना होता है।