कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले पर स्वाति मालीवाल ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, 'आपसे बहुत उम्मीदें थीं' | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख ने कहा, “दीदी, देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होने के नाते हममें से कई लोगों को आपसे काफी उम्मीदें थीं। चुनावों में बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए आपकी सराहना की गई है, और कई महिलाएं अब संसद सदस्य के रूप में सीटें जीत रही हैं।”
उन्होंने कहा, “फिर भी, इस मामले में आपकी सरकार की कार्रवाइयों, इस जघन्य अपराध को छिपाने के परेशान करने वाले प्रयासों से लेकर लापरवाही में शामिल लोगों को पुरस्कृत करने और आपकी पार्टी की चुप्पी तक, बलात्कार के घिनौने राजनीतिकरण को उजागर करती है। यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक प्रवृत्ति है। यौन हिंसा के मामलों को संभालने में इसी तरह की विफलताएं पश्चिम बंगाल में पहले भी देखी गई हैं और आपकी सरकार की बार-बार की चुप्पी और ध्यान भटकाना गंभीर चिंता का विषय है।”
घटना पर अपनी 'गहरी निराशा' व्यक्त करते हुए मालीवाल ने कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाएं स्वतंत्रता और न्याय के जश्न को फीका कर देती हैं।
पत्र में लिखा गया है, “आज, जब हमारा महान राष्ट्र स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, यह दिन सभी के लिए स्वतंत्रता, न्याय और समानता का प्रतीक है, मैं खुद को निराशा की गहरी भावना से जूझता हुआ पाता हूँ। जब हमारे समाज का ताना-बाना ही क्रूरता के ऐसे अवर्णनीय कृत्यों से तार-तार हो रहा है, तो हम वास्तव में कैसे जश्न मना सकते हैं? जब हमारे देश की महिलाएँ बलात्कार और हत्या के डर से मुक्त नहीं हैं, तो हम अपनी स्वतंत्रता का जश्न कैसे मना सकते हैं? यह भयानक अपराध हमारे जश्न पर एक काली छाया डालता है।”
मालीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने आगे कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं आपसे पश्चिम बंगाल और इस देश की महिलाओं की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने का आग्रह करती हूं। राष्ट्र की निगाहें आप पर हैं और इतिहास याद रखेगा कि आप संकट की इस घड़ी में कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।”
यह घटना 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव मिलने के बाद हुई है। अपराध के सिलसिले में शनिवार को एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया।
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार एवं हत्या के विरोध में तथा न्याय की मांग करते हुए लगातार छठे दिन बुधवार को भी अपना कार्य बंद जारी रखा।
चल रहे विरोध प्रदर्शन ने स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है, जिसके कारण सभी सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में लंबी कतारें लग गई हैं। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर महिला की मौत की मजिस्ट्रेट जांच और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की भी मांग कर रहे हैं।