“कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं होगी अगर…”: मुख्य न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने को कहा
आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के विरोध में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं (फाइल)
नई दिल्ली:
कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें प्रतिकूल कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा। यह समयसीमा आज दोपहर एक स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रा के बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई के दौरान आई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने हलफनामे में संकेत दिया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए धन स्वीकृत किया गया है, जिसकी निगरानी जिला कलेक्टर करेंगे।
सीजेआई ने कहा, “विश्वास की भावना पैदा करने के लिए हम कहते हैं कि यदि डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर आ जाते हैं, तो कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि दी गई सुविधाओं के बावजूद काम से लगातार परहेज किया जाता है, तो भविष्य में कार्रवाई की संभावना होगी।”
उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। वे सेवा देने के लिए एक व्यवस्था में हैं। हम सुविधाएं प्रदान करेंगे, लेकिन उन्हें भी इसका प्रतिदान करना होगा। यदि डॉक्टर काम पर नहीं लौटते हैं, तो हम सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते।”
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पश्चिम बंगाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आश्वासन दिया कि जो डॉक्टर काम पर लौटेंगे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
मुख्य न्यायाधीश ने बंगाल सरकार की दलील पर गौर किया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों की 28 दिनों तक सामूहिक अनुपस्थिति ने स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह से बाधित किया है। अपने हलफनामे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने दलील दी कि वरिष्ठ डॉक्टर ड्यूटी पर थे, जबकि जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे और उन्हें धमकियों तथा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था।
सीजेआई ने कहा कि उन्हें जमीनी हालात की जानकारी है, लेकिन डॉक्टरों को अब काम पर लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर यह नहीं कह सकते कि सीनियर काम कर रहे हैं, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे।
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कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रात्रि ड्यूटी पर तैनात स्नातकोत्तर डॉक्टर की 9 अगस्त को बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पूरे बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और आरोप लगाए गए थे कि पुलिस अधिकारी सबूत नष्ट करने में शामिल थे।
इस मामले में एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ़्तार किया गया है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ़्तार किया है।