केरल में सीपीएम कार्यकर्ता समेत 13 अन्य को इंटक नेता की हत्या का दोषी ठहराया गया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 20 आरोपियों में से चार को बरी कर दिया गया, जिनमें सीपीएम के कोल्लम सचिवालय सदस्य जयमोहन भी शामिल थे, जबकि दो की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई।
अदालत ने कहा कि आरोपी किसी भी तरह की दया के हकदार नहीं हैं। उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक साजिश), 27 (हथियार का इस्तेमाल करना), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 324 (हथियार का इस्तेमाल करके गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
मृतक की पत्नी और दो बेटियों ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने रामभद्रन की हत्या कर दी, जबकि उनके रिश्तेदार उनसे ऐसा न करने की विनती कर रहे थे। 10 अप्रैल, 2020 को जब रामभद्रन खाना खा रहे थे, तब आरोपियों ने उनके घर में घुसकर राजनीतिक रंजिश के चलते उनकी हत्या कर दी।
मामले की जांच स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा ने की थी, लेकिन रामभद्रन की पत्नी द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। मामले में साजिश रचने और हत्या में सीधे तौर पर शामिल लोगों को बचाने की कोशिश करने के आरोप में सीपीएम सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया। जयमोहन और पणिक्कर के अलावा पार्टी के पूर्व अंचल सचिव सुमन और पूर्व मंत्री जे मर्सीकुट्टी अम्मा के निजी कर्मचारी मार्क्सन को भी मामले में आरोपी बनाया गया।