केरल नाव त्रासदी के कारण क्या है? प्रमुख चूकों पर एक नजर



केरल नाव हादसा: लापता लोगों को निकालने के लिए तलाशी अभियान जारी है।

नयी दिल्ली:

एक हाउसबोट की चपेट में आने से सात बच्चों सहित 22 लोगों की मौत हो गई पलट जाना और रविवार को केरल के मलप्पुरम जिले में डूब गया। पुलिस के मुताबिक, कई नियम तोड़े गए, जिससे इतने लोगों की मौत हुई।

डबल डेकर नाव खचाखच भरी हुई थी। लगभग 40 लोगों ने सवारी के लिए टिकट खरीदे थे, लेकिन कई अन्य बिना खरीदे ही प्रवेश कर गए थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यात्रियों को लाइफजैकेट नहीं दिए गए थे। नाव को सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया था जो पर्यटक नौकाओं के लिए अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, सूर्यास्त के बाद नाव की सवारी पर प्रतिबंध के बावजूद रविवार की देर शाम यह पानी में था।

पुलिस ने कहा कि नाव के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है, जो अब लापता है।

लापता लोगों को निकालने के लिए तलाशी अभियान जारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जान गंवाने वालों के सम्मान में एक दिन के शोक की घोषणा की है।



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