केंद्र: पश्चिम बंगाल में बलात्कार के मामलों के लिए 17 में से 11 फास्ट-ट्रैक अदालतें अभी तक शुरू नहीं हुई हैं | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया



नई दिल्ली: महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य पूरा करने में विफलता की आलोचना करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य पूरा करने में विफलता की आलोचना की गई है। पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि बलात्कार और हत्या के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद पोक्सो मामलेउन्होंने कहा कि संशोधित लक्ष्य के अनुसार आवंटित 17 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों में से 11 को शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने यह भी बताया कि संकट में फंसी महिलाओं और बच्चों की मदद के लिए देशभर में महिला हेल्पलाइन-181, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस)-112, बाल हेल्पलाइन-1098, साइबर अपराध हेल्पलाइन-1930 की व्यवस्था है। साथ ही महिला एवं बाल हेल्पलाइन को ईआरएसएस के साथ भी एकीकृत किया गया है। देवी ने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल के लोग इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के कई अनुरोधों और अनुस्मारकों के बावजूद महिला हेल्पलाइन को लागू नहीं किया है।”
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि 2019 में जब FTSC योजना शुरू की गई थी, से लेकर इस साल 30 जून तक, 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 409 विशेष पोक्सो अदालतों सहित 752 FTSC कार्यरत हैं और उन्होंने 2.53 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है। बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के लंबित मामलों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए FTSC की स्थापना की गई है।
देवी ने कहा, “इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को कुल 123 FTSC आवंटित किए गए थे, जिनमें 20 विशेष POCSO अदालतें और 103 संयुक्त FTSC शामिल थे, जो बलात्कार और POCSO अधिनियम दोनों मामलों से निपटते थे। हालांकि, पिछले साल जून के मध्य तक इनमें से कोई भी अदालत चालू नहीं हुई थी।” उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल ने पिछले साल जून में एक पत्र के माध्यम से योजना में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी, जिसमें 7 FTSC शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई गई थी।
देवी ने बताया कि संशोधित लक्ष्य के अनुसार, पश्चिम बंगाल को 17 फास्ट ट्रैक कोर्ट आवंटित किए गए हैं, जिनमें से इस वर्ष जून तक केवल छह विशेष पोक्सो अदालतें ही चालू हो पाई हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य की मशीनरी को “बंगाल में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा बनाए गए कानूनी और योजनाबद्ध प्रावधानों” का पूरा लाभ उठाने के लिए संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।





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