कांग्रेस ने NEET परीक्षा में 'अनियमितताओं' की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की – News18 Hindi


कांग्रेस ने शुक्रवार को मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए एनईईटी में “अनियमितताओं” की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग की और भाजपा पर युवाओं को धोखा देने और उनके भविष्य के साथ खेलने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) सहित कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गए हैं।

उन्होंने हिंदी में लिखे अपने पोस्ट में कहा, “इसके लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार जिम्मेदार है। भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का कई तरह की अनियमितताओं का सामना करना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा ने देश के युवाओं के साथ धोखा किया है।”

उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच हो ताकि नीट और अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्रों को न्याय मिल सके।’’

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया है और कहा है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय गंवाने पर दिए जाने वाले ग्रेस मार्क्स के कारण छात्रों को अधिक अंक मिल रहे हैं।

कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लाखों उम्मीदवारों से जुड़ा यह “घोटाला” “पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य” है।

उन्होंने एक्स पर हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा, ‘‘यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सीधा जुआ है, जिसकी तुरंत सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने दावा किया, “इस साल इसमें पेपर लीक की खबर आई थी जिसे दबा दिया गया। अब कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए हैं। छात्रों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड 67 अभ्यर्थियों ने टॉप रैंक हासिल की है और इनमें से छह अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र के बताए जा रहे हैं।”

मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के नतीजे मंगलवार को घोषित होंगे।

रमेश ने कहा, ‘‘सवाल यह है कि छात्रों को धोखा कैसे मिला, किसने किया और चुनाव नतीजों के शोर के बीच जानबूझकर यह परिणाम 4 जून को क्यों घोषित किया गया, जबकि यह 14 जून को घोषित होना था?’’

उन्होंने आगे कहा, “नीट के नतीजों पर कई सवाल उठ रहे हैं- 67 टॉपर्स को एक साथ 720/720 अंक कैसे मिले? एक ही सेंटर के आठ छात्रों को 720/720 अंक कैसे मिले? हर सवाल चार अंकों का था, फिर 718-719 नंबर कैसे आए? नीट प्रश्नपत्र लीक होने के बाद जारी नतीजों में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलना गंभीर संदेह पैदा करता है।” उन्होंने कहा कि नतीजों पर हंगामा मचने के बाद एनटीए ने स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि प्रभावित छात्रों ने इस स्पष्टीकरण को “सतही” और “अविश्वसनीय” बताया है।

रमेश ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में इस परीक्षा की शुचिता में छात्रों का विश्वास बहाल करना बहुत जरूरी है जो निष्पक्ष और पारदर्शी जांच से ही संभव है।’’

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कथित अनियमितताओं को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की और जांच के जरिए छात्रों की “वैध शिकायतों” का समाधान करने का आह्वान किया।

गांधी ने हिंदी में एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके नतीजों में भी घोटाला हुआ है। एक ही केंद्र के छह छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताएं सामने आ रही हैं।” कांग्रेस महासचिव ने कहा, “सरकार लाखों छात्रों की आवाज को क्यों नजरअंदाज कर रही है? छात्र नीट परीक्षा परिणामों में धांधली से जुड़े जायज सवालों के जवाब चाहते हैं।”

गांधी ने पूछा कि क्या इन “वैध शिकायतों” का जांच करके समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को दावा किया कि नीट-यूजी परिणामों में “भारी अनियमितता” की संभावना है और सरकार को जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि अनियमितताओं से लगभग 24 लाख बच्चों का भविष्य प्रभावित हुआ है।

पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने मांग की कि इन मुद्दों की जांच की जाए और शिकायतों का समाधान किया जाए।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रभारी कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए और यदि परीक्षण में कोई विसंगति पाई जाती है तो इसे दोबारा कराया जाना चाहिए।”

उन्होंने आरोप लगाया कि देश में ऐसी कोई परीक्षा नहीं है जिसमें धांधली न हुई हो। “छात्रों ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरू कर दिया है – 'एक बार फिर लीकेज सरकार'।” “चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी परीक्षाओं की चर्चा करते हैं लेकिन चुनाव के बाद पेपर लीक और धांधली की कोई बात नहीं होती। अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा भी ठीक से नहीं हो पाएगी,” उन्होंने कहा।

उन्होंने कई स्थानों पर छात्रों की आत्महत्याओं की ओर इशारा करते हुए कहा, “पेपर लीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि पेपर लीक माफिया छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।”

कुमार ने कहा कि सरकार को कदम उठाने चाहिए और केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा क्योंकि यह देश के भविष्य का सवाल है।

एनएसयूआई प्रमुख वरुण चौधरी ने कहा कि सरकार नीट पेपर लीक और रिजल्ट में हेराफेरी पर चुप है।

उन्होंने कहा, “पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद एनटीए संदेह के घेरे में है। छात्रों को परीक्षा में ऐसे अंक मिले जो कभी संभव नहीं थे।” उन्होंने कहा कि इन सब बातों से एनटीए पर सवाल उठते हैं।

(इस स्टोरी को न्यूज18 स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और यह सिंडिकेटेड न्यूज एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है – पीटीआई)



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