कर्नाटक ने चिकन, मछली कबाब में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया


कर्नाटक में कृत्रिम रंग के इस्तेमाल के कारण आठ कबाब के नमूने असुरक्षित पाए गए (प्रतिनिधि)

नई दिल्ली:

कर्नाटक सरकार ने सोमवार को राज्य में शाकाहारी, चिकन और मछली कबाब बनाने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि इससे जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि नियम का उल्लंघन करने वाले खाद्य विक्रेताओं पर “गंभीर कार्रवाई” की जाएगी, जिसमें सात साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।

उन्होंने कहा, “कृत्रिम रंग शरीर के लिए हानिकारक हैं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।”

कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा एवं मानक विभाग को कई शिकायतें मिली थीं कि राज्य भर के रेस्तरां कबाब में कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद विभाग ने प्रयोगशालाओं में कबाब के 39 नमूनों की जांच की और पाया कि उनमें से आठ कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल के कारण असुरक्षित थे।

सात नमूनों में सनसेट येलो पाया गया, जबकि एक अन्य नमूने में सनसेट येलो और कार्मोइसिन पाया गया।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के नियम 16 ​​के अंतर्गत कबाब बनाने में किसी भी कृत्रिम रंग के उपयोग की अनुमति नहीं है।

इससे पहले मार्च में राज्य सरकार ने 'गोबी मंचूरियन' और 'गोभी मंचूरियन' में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।बुढ़िया के बाल' क्योंकि इनके प्रयोग से जन स्वास्थ्य, विशेषकर बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।





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