औद्योगिक विनिर्माण, चिकित्सा शिक्षा, जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी का भविष्य का दृष्टिकोण – टाइम्स ऑफ इंडिया
उसका दृष्टि इसमें शहरी जीवन स्तर को बढ़ाना, प्राचीन शैक्षिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना, सेमीकंडक्टर उत्पादन को आगे बढ़ाना आदि शामिल हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
जीवन को आसान बनाने का मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन मोड पर 'जीवन की सुगमता' को पूरा करने के अपने विजन को रेखांकित किया। उन्होंने व्यवस्थित मूल्यांकन और बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही।
नालंदा भावना का पुनरुद्धार: प्रधानमंत्री मोदी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया, उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित किया। यह 2024 में नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन पर आधारित है।
भारत में निर्मित चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन: प्रधानमंत्री मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ाना है।
कौशल भारत: बजट 2024 का उल्लेख करते हुए, पीएम मोदी ने भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करने और दुनिया की कौशल राजधानी बनने के लिए सरकार द्वारा घोषित ऐतिहासिक पहलों पर प्रकाश डाला।
औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को इसके विशाल संसाधनों और कुशल कार्यबल का लाभ उठाते हुए एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने की कल्पना की।
'भारत में डिजाइन, विश्व के लिए डिजाइन': प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की सराहना की तथा ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों की मांग पूरी करें।
वैश्विक गेमिंग बाजार में अग्रणी: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ उठाकर मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पाद बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पेशेवरों को वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिए, न केवल खेलने में बल्कि गेम बनाने में भी। उन्होंने कहा कि भारतीय खेलों को दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिए।
हरित नौकरियां और हरित हाइड्रोजन मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में हरित नौकरियों के महत्व पर बात की। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब हरित विकास और हरित नौकरियों पर है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
उन्होंने हरित हाइड्रोजन उत्पादन में वैश्विक नेता बनने और पर्यावरण संरक्षण तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में सतत रोजगार अवसर सृजित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
स्वस्थ भारत मिशन: प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत को स्वस्थ भारत के मार्ग पर चलना होगा, जिसकी शुरुआत राष्ट्रीय पोषण अभियान के शुभारंभ के साथ हो चुकी है।
राज्य स्तरीय निवेश प्रतियोगिता: प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से निवेश आकर्षित करने, सुशासन का आश्वासन देने तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति में विश्वास सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट नीतियां बनाने का आह्वान किया।
वैश्विक मानक के रूप में भारतीय मानक: प्रधानमंत्री मोदी ने गुणवत्ता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए भारत की मान्यता की आकांक्षा पर बात की और कहा कि भारतीय मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मानक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा किया है।
चिकित्सा शिक्षा विस्तार: प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पांच वर्षों में 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने की योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
राजनीति में नये खून का समावेश: प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में लाने का आह्वान किया, खास तौर पर उन युवाओं को जिनके परिवार में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों से लड़ना और भारत की राजनीति में नए लोगों को शामिल करना है।